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मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा - मदरसा शिक्षकों को औपचारिक शिक्षा के लिए प्रशिक्षण की जरूरत

मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा - मदरसा शिक्षकों को औपचारिक शिक्षा के लिए प्रशिक्षण की जरूरत
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नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने शनिवार को मुंबई में अंजुमन-ए-इस्लाम संस्थान में विभिन्न राज्यों के मदरसों के शिक्षकों के प्रशिक्षण के समापन कार्यक्रम में कहा कि धार्मिक शिक्षा, उर्दू, अरबी आदि भाषाओं की पढ़ाई के अलावा मदरसों के शिक्षकों को औपचारिक (फॉर्मल) शिक्षा के विषयों जैसे हिंदी, गणित, अंग्रेजी, विज्ञान कंप्यूटर आदि पढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है। शिक्षकों को ट्रेनिंग अंजुमन-ए-इस्लाम द्वारा दी गई है।

नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय ने लगभग चार वर्ष पहले "तहरीके तालीम" नाम से मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा प्रणाली से जोड़ने के अभियान की शुरुआत की थी जो बेहद प्रभावी एवं सफल साबित हुआ है।

इस अवसर पर नकवी ने विभिन्न राज्यों के मदरसा शिक्षकों को ट्रेनिंग सर्टिफिकेट भी दिये जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल रहीं। नकवी ने कहा कि पिछले 4 वर्षों में बड़ी संख्या में मदरसा शिक्षकों को मुख्यधारा की शिक्षा व्यवस्था से जोड़ा गया है। ख़ुशी की बात यह है कि इनमें बड़ी संख्या में महिला टीचर्स शामिल हैं। देशभर के मदरसों को मुख्यधारा की शिक्षा से जोड़ने के कार्यक्रम के तहत मोदी सरकार-2 के पहले 6 महीनों में विभिन्न राज्यों के 300 से अधिक मदरसा शिक्षकों को अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय द्वारा मुख्यधारा की शिक्षा की ट्रेनिंग दी गई है।

मदरसा शिक्षकों को मुख्यधारा शिक्षा की ट्रेनिंग देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी, जामिया मिल्लिया इस्लामिया, जामिया हमदर्द, अंजुमन-ए-इस्लाम एवं अन्य संस्थानों द्वारा दी जा रही है। इसके अलावा पिछले 6 महीनों में 500 से अधिक स्कूल-ड्रॉपआउट छात्रों को "ब्रिज कोर्स" करवाया गया है। उन्हें इंटरमीडिएट के सर्टिफिकेट दिए गए हैं जिससे कि वो आगे की पढ़ाई कर सकें या नौकरी कर सकें। नकवी ने कहा कि अल्पसंख्यक मंत्रालय ने 6 अधिसूचित अल्पसंख्यक समुदायों- जैन, पारसी, बौद्ध, ईसाई, सिख एवं मुस्लिम समुदाय के छात्र-छात्राओं को सस्ती, सुलभ, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मुहैया कराने के लिए युद्धस्तर पर काम शुरू किया है।

अल्पसंख्यक समुदाय के छात्र-छात्राओं को बेहतर शिक्षा मुहैया कराने के लिए "प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम" के तहत आधारभूत सुविधाओं का निर्माण बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। मोदी सरकार-2 के पहले 6 महीनों में "प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम" के अंतरगर्त देशभर में 104 कॉमन सर्विस सेंटर स्वीकृत किए गए हैं जो जरूरतमंदों के लिए सिंगल-विंडो व्यवस्था की तरह काम करेंगे। इसके अलावा शौचालय -(53), विद्यालयों में सौर ऊर्जा की सुविधा - (16); अतिरिक्त क्लास रूम- (324); स्वास्थ्य केंद्र- (223); आंगनबाड़ी केंद्र- (52); आवासीय स्कूल- (33); डिग्री कॉलेज- (7) स्कूल भवन - (98); हॉस्टल- (98), आईटीआई- (4); हुनर हब- (100); मेडिकल कॉलेज- (1) और पॉलिटेक्निक- (2) का निर्माण/स्वीकृत किया गया है।

Updated : 30 Nov 2019 2:45 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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