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पड़ोसी देश को मोदी का संदेश - गलत नजरें उठाईं तो इस बार ज्यादा घातक होंगे नतीजे

पड़ोसी देश को मोदी का संदेश - गलत नजरें उठाईं तो इस बार ज्यादा घातक होंगे नतीजे
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जोधपुर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिमी मोर्चे पर अपनी मजबूती का संदेश देते हुए पड़ोसी देश को अवगत किया कि उसने हिंदुस्तान की तरफ गलत नजरें उठाईं तो इस बार परिणाम ज्यादा घातक होंंगे। उन्होंने शुक्रवार को यहां वायुसेना स्टेशन के कांफ्रेंस हॉल में सेना की सामरिक तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने यहां सेना के तीनों अंगों की संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस को भी संबोधित किया। इसके साथ विभिन्न सामरिक मुद्दों पर चर्चा की। इसमें रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल सुनील लाम्बा, थल सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत, वायुसेनाध्यक्ष एयर चीफ मार्शल बीएस धनोवा और रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

दो साल पहले जम्मू-कश्मीर से सटी नियंत्रण रेखा पार कर पाकिस्तानी ठिकानों को नेस्तनाबूद करने वाली भारतीय थल सेना की सर्जिकल स्ट्राइक की दूसरी वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को जोधपुर आए थे। उन्होंने यहां जोधपुर मिलिट्री स्टेशन पर पराक्रम पर्व का शुभारंभ किया। इसके बाद वायुसेना स्टेशन के कांफ्रेंस हॉल में संयुक्त कमांडर्स कांफ्रेंस को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पश्चिम मोर्चे पर अपनी मजबूती का संदेश देते हुए पड़ोसी मुल्क को आगाह किया कि उसने हिन्दुस्तान की तरफ नापाक नजरें उठाईं तो नतीजे इस बार पहले से ज्यादा घातक होंगे।

प्रतिरक्षा सूत्रों के अनुसार कांफ्रेंस में वायुसेना के लिए लड़ाकू विमानों की खरीद, राफेल का मुद्दा, थलसेना के लिए हथियारों की खरीद, दक्षिणी चीन सागर व श्रीलंका तक चीनी घुसपैठ, कश्मीर में राज्यपाल शासन के बाद के वहां के हालात पर चर्चा की गई। सेना, वायुसेना और नौसेना के टॉप कमाण्डर्स की यह बैठक पहली बार जोधपुर में हुई। इसमें सेना के तीनों अंगों के मौजूदा संसाधनों व जरूरतों के अलावा विभिन्न मोर्चों पर सामरिक तैयारियों पर चर्चा की गई।

गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय हर साल इस तरह की कांफ्रेंस आयोजित करता है लेकिन केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कांफ्रेंस दिल्ली के बाहर होने लगी है। पिछली बार यह कांफ्रेंस देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकादमी में हुई थी, जबकि वर्ष 2016 में नौसेना के युद्ध पोत आईएनएस विक्रांत पर कमांडर कांफ्रेंस का आयोजन किया गया था। इस बार सामरिक दृष्टि से अहम माने जाने वाले एशिया के सबसे बड़े एयरबेस जोधपुर को चुना गया।

प्रधानमंत्री मोदी दोपहर में जोधपुर से विशेष विमान में दिल्ली के लिए रवाना हो गए। इससे पहले उन्होंने ऑफिसर्स मेस में लंच किया। इस दौरान उनके साथ रक्षामंत्री सीतारमण, नौसेनाध्यक्ष एडमिरल लाम्बा, थल सेनाध्यक्ष जनरल रावत, एयर चीफ मार्शल धनोवा, रक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी थे।

Updated : 28 Sep 2018 9:53 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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