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मोदी सरकार के डर से घोटालेबाज अब विदेशों में मांग रहे आश्रय

नीरव मोदी की नागरिकता आवेदन को वनुआतू के प्राधिकार ने खारिज कर दिया

मोदी सरकार के डर से घोटालेबाज अब विदेशों में मांग रहे आश्रय
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नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले के आरोपी नीरव मोदी ने वनुआतू की नागरिकता हासिल करने का असफल प्रयास किया है। उसके मामा मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ बारबुडा की नागरिकता हासिल कर ली है। लेकिन दोनों किंकर्तव्यविमूढ़ हैं। दो दिनों पूर्व मेहुल चोकसी का एक वीडियो समाचार चैनलों पर दिखाया जा रहा था। इसमें मेहुल ने अपनी बीमारी व परेशानी के बारे में बताते हुए कहा था कि उसकी तबीयत खराब थी जिसके कारण वह विदेश गया था। अब सरकार ने उसकी सारी संपत्ति व बैंक खातों को सील कर दिया है। उसके पास पैसे नहीं हैं, इसलिए वह अपनी कंपनी के कर्मियों का भुगतान भी नहीं कर सकता। वह कभी भी आत्मसमर्पण नहीं करेगा क्योंकि उसके खिलाफ साजिश की जा रही है।

दूसरी तरफ नीरव की नागरिकता आवेदन को वनुआतू के प्राधिकार ने खारिज कर दिया है। उल्लेखनीय है कि दो-तीन दिनों पूर्व इंटरपोल ने नीरव मोदी की बहन पूर्वी मोदी के खिलाफ रेड कार्नर नोटिस जारी किया था। नीरव मोदी व उसके भाई निशाल मोदी खिलाफ इंटरपोल ने पहले से ही रेड कार्नर नोटिस जारी कर रखा है। यानी नीरव व मेहुल दोनों पर परेशानी का पहाड़ टूट पड़ा है। अब लोग कहने लगे हैं कि मोदी सरकार घोटालेबाजों पर सख्त हो गई है क्योंकि उक्त दोनों कथित घोटालेबाजों की कई संपत्तियां भी जब्त की गई हैं। यानी घोटालेबाज डरे हुए हैं।

घोटालेबाजों के बीच सरकारी दहशत का सबसे बड़ा उदाहरण तो तीसरे कथित घोटालेबाज व किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक विजय माल्या से जुड़ा बीते कल की घटनाक्रम है। कल माल्या की लंदन स्थित न्यायालय में पेशी थी। जब पत्रकारों से उसकी बात हुई तो प्रतिक्रिया में उसने कहा कि वह अपनी कर्ज को लेकर देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली से मिला था लेकिन कुछ ही घंटे बाद उसने कहा कि उसकी जेटली से कभी भी औपचारिक मुलाकात नहीं हुई थी। यानी माल्या ने कुछ ही घंटे में यू-टर्न लिया। स्पष्ट है कि वह सरकारी कार्रवाई से डरा हुआ है। लेकिन माल्या के मौजूदा लाइफ स्टाइल से इतना जरूर पता चल रहा है कि इसके पास अभी भी काफी पैसे हैं।

दूसरी ओर नीरव मोदी व मेहुल चोकसी दोनों भगोड़ों ने एेसे देश की नागरिकता लेनी चाही है या नागरिकता ली है जहां नागरिकता सिर्फ पैसे पर मिलती है। हालांकि नीरव के आवेदन को तो संबंधित देश ने खारिज कर दिया है। स्पष्ट है कि इन घोटालेबाजों को पकड़ने की भारत सरकार की सक्रियता बढ़ती जा रही है और इन पर सरकारी दहशत भी बढ़ती जा रही है। कुल मिलाकर ये घोटालेबाज मोदी सरकार की त्रास में जी रहे हैं। उनको लगने लगा है कि सरकार उन्हें छोड़ेगी नहीं बल्कि स्वदेश लाकर उनकों कानून के हवाले करेगी।

यही हाल कुछ अन्य लोगों का भी है जो अनियमितता करने के आरोप से घिरे हैं। आईसीआईसीआई बैंक की सीईओ व एमडी चंदा कोचर को बैंक प्रबंधन बोर्ड ने लंबी छुट्टी पर भेज दिया। उन पर आरोप है कि उन्होंने अपने पति दीपक कोचर के कारोबारी मित्र व वीडियोकॉन कंपनी के मालिक वेणुगोपाल धूत को कर्ज दिलवाने मदद की। उल्लेखनीय है कि इस मामले में भी सीबीआई ने जांच की प्राथमिक कार्रवाई शुरू की है। आयकर विभाग कई बार दीपक कोचर, उनके भाई राजीव कोचर व धूत से कई बार पूछताछ कर चुकी है। राजीव कोचर को तो सीबीआई ने हवाई अड्डे पर रोक लिया था।

Updated : 14 Sep 2018 5:46 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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