Home > देश > एनडीए से शिवसेना अलग होने पर अरविंद सांवत ने कहा - मेरे इस्तीफे से समझ जाएं

एनडीए से शिवसेना अलग होने पर अरविंद सांवत ने कहा - मेरे इस्तीफे से समझ जाएं

एनडीए से शिवसेना अलग होने पर अरविंद सांवत ने कहा - मेरे इस्तीफे से समझ जाएं
X

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में सियासी दंगल जारी है और इस बीच मोदी कैबिनेट में भारी उद्योग मंत्री अरविंद सांवत ने इस्तीफा दे दिया। उन्होंने आज मीडिया से बात करते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी उद्धव ठाकरे की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश कर रही है। एनडीए से शिवसेना के औपचारिक तौर पर बाहर होने के सवाल पर उन्होंने सीधे तौर पर कुछ नहीं कहा, लेकिन यही बोले कि मेरे इस्तीफे से समझ जाएं। बीजेपी पर विश्वासघात का आरोप लगाते हुए कहा गठबंधन के वक्त बीजेपी ने शिवसेना के मुख्यमंत्री का वादा किया था।

आपको बता दें कि भाजपा ने रविवार को राज्यपाल से मिलकर कहा कि वह राज्य में अकेले सरकार नहीं बना सकती। इसके बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दूसरी सबसे बड़ी पार्टी शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया है। ऐसे में अब राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने मौका देखते हुए शिवसेना को समर्थन देने पर अपनी शर्त रख दी है। एनसीपी के नेता नवाब मलिक ने कहा है कि हमारे समर्थन के लिए उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी को पहले केंद्रीय राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होना होगा। अब सबकी नजर शिवसेना, एनसीपी व कांग्रेस पर टिकी हुई है। सरकार गठन का न्योता मिलने के बाद शिवसेना नेता एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात कर सकते हैं।

केंद्रीय भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री और शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने ट्वीट करके कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले दोनों में सीट शेयरिंग को लेकर एक फॉर्मुला तय हुआ था, दोनों की उस पर सहमति हुई थी। उस फॉर्मुले को नकार कर शिवसेना को झूठा ठहराकर महाराष्ट्र के स्वाभिमान पर कलंक लगाने की कोशिश की गई है। शिवसेना का पक्ष सच्चाई है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली में क्यों रहें? इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इस संबंध में आज सुबह 11 बजे मैं दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा हूं।

अब, एक पक्ष का खंडन करना शिवसेना के लिए एक गंभीर खतरा है। भाजपा ने झूठ की खोज में महाराष्ट्र में काफी प्रगति की है। उन्होंने कहा कि शिवसेना का पक्ष सच्चाई है। इतने झूठे माहौल में दिल्ली में क्यों रहूं? और इसीलिए मैं केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे रहा हूं। इस संबंध में आज सुबह, 8.30 बजे मैं दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस करने जा रहा हूं।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को समाप्त हो गया है और भाजपा-शिवसेना के बीच सरकार गठन को लेकर गतिरोध जारी है। इसी बीच खरीद-फरोख्त की आशंका के मद्देनजर महाराष्ट्र कांग्रेस के 34 विधायकों को पार्टी शासित राजस्थान भेज दिया गया है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा- हमें कांग्रेस विधायकों को राजस्थान लाना पड़ा है, क्योंकि वहां बड़े पैमाने पर खरीद-फरोख्त का खतरा था। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजों को अनुसार भाजपा के पास 105 विधायक हैं और उसका दावा है कि उसे कुछ निर्दलीय तथा छोटी पार्टियों के विधायकों का समर्थन प्राप्त है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि 288 सीटों वाली विधानसभा में क्या वह बहुमत के 145 के आंकड़े पर पहुंच सकती है या नहीं।

बता दें कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने 288 सदस्यीय विधानसभा के लिए हुए चुनाव में 105 सीटों पर जीत दर्ज की, जबकि शिवसेना को 56 सीटों पर जीत हासिल हुई। दोनों को मिलाकर 161 सीटें हैं जो जरूरी बहुमत के आंकड़े 145 से बहुत ज्यादा हैं, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर खींतचान की वजह से अब तक सरकार का गठन नहीं हो सका। हालांकि अब बीजेपी ने साफ कर दिया है कि वह राज्य में अकेले सरकार नहीं बना सकती और शिवसेना उसका साथ नहीं दे रही।

Updated : 11 Nov 2019 8:49 AM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top