मानेसर लैंड डील मामला : हुड्डा और वाड्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज

मानेसर लैंड डील मामला : हुड्डा और वाड्रा के खिलाफ एफआईआर दर्ज
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- खेड़कीदौला में कई धाराओं के तहत हुआ मुकदमा दर्ज - पूर्व सीएम हुड्डा को 31 मई को मिली थी जमानत

गुरुग्राम। हरियाणा की राजनीति में उस समय भूचाल आ गया, जब शनिवार को गुरुग्राम के खेड़कीदौला पुलिस थाने में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सोनिया गांधी के दामाद रॉबर्ट वाड्रा के खिलाफ केस दर्ज किया गया। यह केस राठीवास गांव के सोशल वर्कर सुरेंद्र शर्मा की शिकायत पर किया गया है। इसमें आईपीसी की धारा धारा-13, 420, 120बी, 467,468, 471 लगाई गई हैं। इसके अलावा प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट 1988 की धारा 13 के तहत भी केस दर्ज किया गया है।

साढ़े 5 करोड़ में खरीद बेची 55 करोड़ में

रॉबर्ट वाड्रा की स्काई लाइट हॉस्पीटैलिटी ने गुरुग्राम के सेक्टर-83, शिकोहपुर, सिकंदरपुर और सिही गांव में 7.5 करोड़ रुपये में जमीन खरीदी लेकिन लैंड यूज बदलने के बाद इसे 55 करोड़ रुपये में बेच दिया था। समझा जा रहा है कि इस जमीन घोटाले में पूर्व सीएम हुड्डा सरकार का पूरा पूरा समर्थन प्राप्त था। तभी से यह मामला भाजपा ने भी जमकर उछाला और आज हालात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और सोनिया के दामाद के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

अधिग्रहण के नाम पर हुई करोड़ों की हेराफेरी

कांग्रेस शासनकाल में पूर्व सीएम हुड्डा पर आरोप है कि अधिग्रहण के नाम पर मानेसर क्षेत्र की अरबों की जमीन को ले लिया था। 27 अगस्त 2004 और 25 अगस्त 2005 को औद्योगिक मॉडल टाउन के नाम पर नौरंगपुर और नखडौला की 912 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया गया था। इस अधिग्रहण का असर यह पड़ा कि किसानों ने कौड़ियों के भाव अपनी जमीन बिल्डरों को बेच दी थी। बिल्डरों ने भी किसानों से 20-25 लाख रुपए प्रति एकड़ से लेकर डेढ़ करोड़ रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से 459 एकड़ जमीन खरीद ली। सीबीआई ने भी इसे केस में दर्ज किया है, इसमें 350 एकड़ जमीन तो 20-25 लाख रुपये प्रति एकड़ के हिसाब से ली गई और 50 एकड़ जमीन डेढ़ करोड़ रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से बिल्डरों ने खरीद ली।

किसानों को लगा 1500 करोड़ का चूना

सीबीआई की तरफ से यह भी कहा गया है कि 400 एकड़ जमीन की उस समय कीमत चार करोड़ रुपए प्रति एकड़ थी। जबकि उस जमीन को मात्र 100 करोड़ में खरीदा गया। इस तरह से किसानों को सीधे 1500 करोड़ का घाटा हुआ और यह बड़ा धोखा था। इसमें करीब 200 किसानों की जमीन थी। हरियाणा में बीजेपी सरकार बनने के बाद इस मामले को उठाया गया और जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया।

इन पर भी की जा रही है कार्रवाई

मानेसर लैंड डील मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा और रॉबर्ट वाड्रा ही नहीं, बल्कि तत्कालीन मुख्य सचिव एमएल तायल, यूपीएससी मेंबर छत्तर सिंह, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के निदेशक सुदीप सिंह ढिल्लो के खिलाफ भी केस दर्ज हो चुके हैं।

हुड्डा को 31 मई को मिली थी जमानत

पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा को 19 अप्रैल को सीबीआई की कोर्ट में पेश होना था। उस दौरान वे तबियत खराब की बात कहकर नई दिल्ली स्थित एम्स में भर्ती हो गए थे। उसके बाद अगली तारीख 31 मई,2018 की तय की गई। 31 मई को हुड्डा सीबीआई की अदालत में पेश हुए और पांच लाख के मुचलके पर उनको जमानत मिल गई। अब उस मामले में केस दर्ज होने से हुड्डा को जोर का झटका लगा है।

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