कुमार विश्वास ने कहा - घुसपैठियों पर वोट बैंक व तुष्टिकरण की राजनीति करने वाले क्या सचमुच देश के प्रतिनिधि
नई दिल्ली। असम में राष्ट्रीय नागरिक पंजीकरण (एनआरसी) का अंतिम ड्राफ्ट जारी होने के बाद अवैध प्रवासी और घुसपैठियों को सियासी मुद्दा बनाकर जहां कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) इसका विरोध कर रहे हैं वहीं कुमार विश्वास ने इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी के स्टैंड का खुलकर समर्थन किया है।
आम आदमी पार्टी के नेता कुमार विश्वास ने ट्वीट कर कहा, 'आंतरिक सुरक्षा के गंभीर संकट झेल रहे हमारे देश में केवल वोट-बैंक व तुष्टिकरण के लिए अवैध घुसपैठियों के पक्ष में खड़े होने वाले क्या सचमुच देश के प्रतिनिधि हैं? इन सरकारों के रहते करोड़ों लोग देश में घुस कैसे गए? भारतीय नागरिकता का स्वाभिमान रहने दीजिए, देश है धर्मशाला नहीं। दूसरे देशों के वीज़ा भर लेने के लिए लपलपाकर लाइनों में लगने वाले इन लोगों को अपने देश की नागरिकता का ज़रा भी विशिष्टता-बोध नहीं है? हद है, इसमें क्या राजनीति?'
कुमार विश्वास से कहा, 'जो अपने हों उन्हें गले लगाओ, जो राज्य-केंद्र सरकारों की राजनैतिक-लिप्साओं और अकर्मण्यताओं के कारण घुस गए, उन्हें विदा दो। दुर्भाग्यपूर्ण है कि पक्ष-प्रतिपक्ष के नेता राष्ट्रीय सुरक्षा के इतने गंभीर मसले को वोटों के ध्रवुीकरण के लिए प्रयोग कर रहे हैं ! देश के नागरिक होने के गौरवबोध को अपनी पार्टियों के वोटबैंक जितना तुच्छ मत बनाओ भक्तों। पार्टियों के गणपति 5-10 साल में निकल लेंगे, देश था, है, रहेगा।'
इस मसले पर कांग्रेस के गौरव गोगोई ने आरोप लगाया है कि इस कवायद के बावजूद कितने घुसपैठिये हैं, इसके आंकड़े सरकार के पास नहीं हैं। उन्होंने कहा, 'कल गृह मंत्री ने सदन में बयान दिया, जिसमें कहा गया है कि जिन 40 लाख लोगों के नाम नहीं है, उनके पास अभी भी मौका है। इससे साफ है कि सरकार के पास अभी भी ये आंकड़े नहीं है कि घुसपैठियों की संख्या कितनी है। सरकार का रुख कमजोर, लचर और अप्रभावी है।'