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संयुक्त राष्ट्र में 55 साल पहले भी हुई थी कश्मीर पर चर्चा

संयुक्त राष्ट्र में 55 साल पहले भी हुई थी कश्मीर पर चर्चा
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नई दिल्ली। यूएनएससी के मुताबिक, सुरक्षा परिषद ने पिछली बार जम्मू-कश्मीर मुद्दे पर 1964 में चर्चा की थी। 16 जनवरी 1964 के एक पत्र में यूएन में पाक के प्रतिनिधि ने कश्मीर पर तत्काल बैठक बुलाई गई थी। इसमें भी कश्मीर के विशेष दर्जे को लेकर ही शिकायत की गई थी। हालांकि 1971 में भी यह मसला यूएन में गया था, लेकिन उस वक्त भी इस पर बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई थी

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के छ: प्रमुख अंगों में से एक अंग है, जिसका उत्तरदायित्व है अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना। परिषद को अनिवार्य निर्णय घोषित करने का अधिकार भी है। दूसरे विश्वयुद्ध के भयंकर परिणाम के बाद 1945 में संयुक्त राष्ट्र का जन्म हुआ था। सुरक्षा परिषद की पहली बैठक 1946 में हुई थी। इस परिषद में 15 सदस्य होते है, इनमें पांच स्थाई और 10 अस्थाई।

यूएनएससी के स्थाई सदस्य - चीन, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, रूस

यह है अस्थाई सदस्य - बेल्जियम, कोट डि आयवरी, डोमनिक गणराज्य, गिनीया, जर्मनी, इंडोनेशिया, कुवैत, पेरु, पोलैंड, दक्षिण अफ्रीका

पाकिस्तान : चीन खुलकर पाकिस्तान के पक्ष में है। वहीं, अस्थाई सदस्यों में कुवैत और इंडोनेशिया को पाक का खुला साथ है।

भारत : अमेरिका का भारत का साथ मिल सकता है। रूस और ब्रिटेन की अब तक की प्रतिक्रिया भारत के पक्ष में रही है। फ्रांस का रुख अभी स्पष्ट नहीं है। अस्थाई देशों में से आठ देश को भारत का समर्थन मिल सकता है

इस बैठक के जरिए पाकिस्तान की कोशिश भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय दबाव बनाने की होगी। उसे लगता है कि चीन बैठक में उसका पक्ष रखेगा, लेकिन ये भी संभव है कि अगर अमेरिका ने अपना प्रभाव दिखाया तो ज्यादातर देश इस मामले पर पाकिस्तान के साथ जाने की बजाए यही कहेंगे कि इस मसले को भारत-पाकिस्तान खुद बातचीत के जरिए सुलझाएं।

-6 अगस्त : पाक ने अमेरिका से कश्मीर मुद्दे पर दखल देने की मांग की। पर अमेरिकी ने कहा यह भारत का आंतरिक मामला है।

-9 अगस्त : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी चीन के दौरे पर गए। कुरैशी ने चीन से भारत के रुख पर आपत्ति जताई।

-14 अगस्त : पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) से कश्मीर मुद्दे पर आपात बैठक करने की गुजारिश की।

-5 अगस्त : भारत ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने की जानकारी सभी देशों के दूतावासों को दी।

-11 अगस्त : भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर तीन दिवसीय दौरे पर चीन पहुंचे। जयशंकर की यह यात्रा पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के बाद हुई

भारत ने कहा कि उसने संवैधानिक प्रक्रिया का पालन करते हुए अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी किया। कश्मीर का भारत में विलय तत्कालीन राजा हरि सिंह के साथ हुए समझौते के बाद हुआ था।

Updated : 17 Aug 2019 12:30 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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