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कैलाश-मानसरोवर तीर्थयात्रियों का बचाव युद्धस्तर पर जारी

पवित्र कैलाश मानसरोवर के यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर जारी है।

कैलाश-मानसरोवर तीर्थयात्रियों का बचाव युद्धस्तर पर जारी
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कैलाश-मानसरोवर तीर्थयात्रियों का बचाव युद्धस्तर पर जारी


नई दिल्ली | पवित्र कैलाश मानसरोवर के यात्रा मार्ग में फंसे तीर्थयात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम युद्धस्तर पर जारी है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार अब तक सिमिकोट में फंसे 600 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला जा चुका है। दो दिन पहले हिमालयी क्षेत्र में भारी बारिश और मौसम बेहद खराब हो जाने के चलते 1500 से अधिक तीर्थयात्री यात्रा मार्ग में फंस गए थे।

गुरूवार सुबह से ही नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने तीर्थयात्रियों की सुरक्षित निकासी के लिए अभियान तेज कर दिया था। पौ फटने के बाद से लेकर सुबह 9 बजे तक 6 उड़ानों के जरिए 90 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित कैंप में पहुंचाया गया। बुधवार को 336 तीर्थयात्रियों को सुरक्षित निकाला गया था। इस बीच अत्यंत दुर्गम माने जा रहे हिल्सा में फंसे तीर्थयात्रियों में से 250 तीर्थयात्रियों को वहां से सिमिकोट पहुंचाया जा चुका है। हिल्सा में अब नाम मात्र को तीर्थ यात्री ही रह गए हैं। दरअसल हिल्सा में हेलीकॉप्टर के उतरने व संचालन की सुविधा भी नहीं है। इसलिए तीर्थयात्रियों को वहां से सिमिकोट पहुंचाना कठिन काम है। सिमिकोट से हेलीकॉप्टर की सहायता से लोगों को सुरखेत और नेपालगंज पहुंचाया जा रहा है।

नेपाल स्थित भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर कहा है कि स्थिति अब पूरी तरह नियंत्रण में है और घबराने की कोई आवश्यकता नहीं है। इस बचाव अभियान के तहत चार्टर्ड विमानों की सहायता लेने और लोगों को विभिन्न मार्गों से सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाने की संभावना पर भी काम किया जा रहा है। इस बीच भारतीय दूतावास का एक दल भी सिमिकोट पहुंच चुका है।

वह वहां केन्द्र बनाकर लोगों को सहायता पहुंचाने का काम कर रहा है। बताया जा रहा है कि सिमिकोट, हिल्सा और तिब्बती क्षेत्र में अभी भी 900 से ज्यादा तीर्थयात्री फंसे हुए हैं।बचाव अभियान दल का कहना है कि आज शाम तक अधिकांश तीर्थयात्रियों को सड़क मार्ग वाले स्थानों तक पहुंचाने की कोशिश की जाएगी। वैसे भी जहां तीर्थयात्री हैं वहां भोजन, चिकित्सा व अन्य सुविधाओं की व्यवस्था है। केवल संचार व आवागमन की सुविधा के न होने के चलते उनको कठिनाई हो रही है।





Updated : 5 July 2018 3:40 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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