Home > देश > निपाह वायरस से निपटने में जुटी सरकार, घबरायें नहीं : डा. हर्षवर्धन

निपाह वायरस से निपटने में जुटी सरकार, घबरायें नहीं : डा. हर्षवर्धन

- केरल में निपाह वायरस का एक केस, संपर्क में आए 84 लोगों की पहचान के बाद सरकार एक्शन मोड में. - स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों और अधिकारियों की एक टीम केरल में मौजूद

निपाह वायरस से निपटने में जुटी सरकार, घबरायें नहीं : डा. हर्षवर्धन
X

नई दिल्ली। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि केरल में निपाह वायरस का एक मामला सामने आया है। इस मरीज के संपर्क में आए 84 लोगों की पहचान कर ली गई है और वायरस से निपटने के इंतजाम किए जा रहे हैं।

हर्षवर्धन ने मंगलवार को मंत्रालय में इस मुद्दे पर एक समीक्षा बैठक ली और वायरस से निपटने के लिए जरूरी निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने एक बयान जारी कर कहा कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं है। इस वायरस से बचाव के लिए जरूरी कदम उठाए गए हैं। केन्द्र सरकार राज्य सरकार के संपर्क में है और हरसंभव मदद की जा रही है। राज्य सरकार की मदद के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय के विशेषज्ञों और अधिकारियों की एक टीम पहले ही केरल पहुंच गई है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय में एक नियंत्रण कक्ष का गठन भी किया गया है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार निपाह वायरस एक नई उभरती बीमारी है। इसे 'निपाह वायरस एन्सेफलाइटिस' भी कहा जाता है। यह एक तरह का दिमागी बुखार है। इसका संक्रमण तेजी से फैलता है। संक्रमण होने के 48 घंटे के भीतर यह व्यक्ति को कोमा में पहुंचा देता है। इसकी चपेट में आने वाले व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आती है और सिर में भयानक दर्द होता है। साथ ही तेज बुखार भी होता है।

निपाह वायरस क्या है ?

निपाह वायरस चमगादड़ से फलों में और फलों से इंसानों और जानवरों में फैलता है। यह वायरस सबसे पहले व्यक्ति के दिमाग पर असर डालता है। इसकी चपेट में आने वाले व्यक्ति के दिमाग में सूजन आ जाती है। इसके बाद यह छाती में संक्रमण पैदा करता है, जिससे सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाती है। इससे व्यक्ति बेसुध होना शुरू हो जाता है। यह खतरनाक वायरस एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलने का भी डर रहता है। खजूर के खेतों में काम करने वालों में भी निपाह वायरस फैलने का खतरा ज्यादा होता है, जिससे मौत भी हो सकती है।

लक्षण-

कभी-कभी किसी व्यक्ति को एसिम्प्टोमैटिक संक्रमण हो सकता है, जिसमें वे निपाह के वाहक बनें और कोई लक्षण न दिखाएं।

वायरस होने पर 3-14 दिन में तेज बुखार और सिरदर्द

इंफेक्शन के शुरुआत में सांस लेने में समस्या

-न्यूरोलॉजिकल प्रॉब्लम होना

-दिमाग में सूजन होना

-मांसपेशियों में दर्द

बचाव के तरीके-

यह भी ध्‍यान रखें कि आप जो खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित नहीं हुआ हो। चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाएं।

जमीन पर पड़े हुए या पहले से खाए हुए फलों का सेवन ना करें। इस्तेमाल में ना किये जा रहे कुओं के पानी का उपयोग न करें और ना ही उसके आस-पास जाएं। एडवाइजरी में केवल ताजे फल खाने की सलाह दी गई है।

इस वायरस की वजह से जिनकी मौत हुई हो, उनके शव से भी दूर रहें। अंतिम संस्कार से पहले उनके शरीर को स्नान कराते समय सावधानी बरतें।

अगर आपको 1-2 दिन तक तेज बुखार या सिरदर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से चेकअप करवाएं।

फलों, खासकर केले और खजूर खाने से बचें। पेड़ से गिरे फलों को न खाएं। जब भी बाजार से कोई सब्जी या फल खरीदें, तो उसे अच्छी तरह गर्म पानी से धोकर खाएं।

निपाह वायरस से पीड़ित लोगों से दूर रहें। यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथों को अच्छे से धोएं।

चमगादड़, सुअर, कुत्ते और घोड़ों जैसे जानवरों में फैलने वाला निपाह वायरस उनके जरिये इंसानों में भी फैल सकता है। इसलिए ऐसे भोजन का सेवन बिल्कुल ना करें, जो इन जानवरों के संपर्क में आया हो। खुले में टंगी मटकी वाली ताड़ी का सेवन करने से बचें।

आमतौर पर शौचालय में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे बाल्टी और मग को खास तौर पर साफ रखें।

Updated : 4 Jun 2019 1:16 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top