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चौथी कक्षा की बच्ची ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, कहा- पाकिस्तान को दें मुंहतोड़ जवाब

चौथी कक्षा की बच्ची ने प्रधानमंत्री को लिखा पत्र, कहा- पाकिस्तान को दें मुंहतोड़ जवाब
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नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ काफिले पर हुए फिदायीन हमले में 40 जवानों के शहीद होने के बाद से देश के हर तबके में गम और रंज है। शहीदों के परिजनों और खासकर बच्चों को टेलीविजन पर प्रसारित समाचारों में रोते-बिलखते देखकर बड़े-बुजुर्गों के साथ ही बच्चों में भी यह गुस्सा नजर आ रहा है। पुलवामा की घटना को लेकर देश के बच्चे भी अब पाकिस्तान से इसका बदला लेने की मांग कर रहे हैं।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के गृह राज्य गुजरात के सूरत जिले की चौथी कक्षा में पढ़ने वाली 10 साल की एक बच्ची ने प्रधानमंत्री को बाकायदा पत्र लिखकर अपने गुस्से का इजहार किया है। इस बच्ची का नाम मनाली है। प्रधानमंत्री मोदी को उसकी तरफ से लिखा गया वह पत्र सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है। इसमें पाकिस्तान और हमलावर आतंकियों के प्रति उसका गुस्सा स्पष्ट तौर पर जाहिर हो रहा है।

सूरत के पुना गाम रोड, शिवम कॉम्प्लेक्स, ए/39 की रहने वाली मनाली 14 फरवरी को अपने घर में पढ़ाई (होमवर्क) कर रही थी। उस दौरान टेलीविजन पर पुलवामा आतंकी हमले में 40 जवानों के शहीद होने की खबर प्रमुखता के साथ आ रही थी। पुलवामा का वह मंजर टीवी पर देखकर मनाली गुस्से से भर गई। उसने अपनी मां से कहा कि वह प्रधानमंत्री मोदी से इस मामले में बात करना चाहती है ताकि वह उन सीआरपीएफ जवानों की शहादत का बदला ले सकें।

मनाली की मां ने उसे सुझाव दिया कि वह इस बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी बात उन तक पहुंचा सकती है। इसी के बाद मनाली ने प्रधानमंत्री को जो पत्र लिखा, वही सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है।

मनाली ने प्रधानमंत्री को जो पत्र लिखा है, उसका मजमून कुछ इस तरह है, "शहीदों को नमन, श्री मोदी अंकल, मेरी ख्वाहिश है कि आप पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना। मुझे आप पर पूरा भरोसा है कि आप जो करेंगे, अच्छा करेंगे। अब आप ही हमारी ख्वाहिश हैं। एक-एक आतंकवादी को मार गिराना। गीता के सार में भी लिखा है कि जैसे के साथ तैसा होना कोई पाप नहीं है। और पत्थरबाजों को भी सीधा करके ही छोड़ना। मेरा नाम मनाली है, मैं 4थी कक्षा में पढ़ती हूं और 10 साल की हूं। थैंक यू। आप मेरा पत्र जरूर पढ़ेंगे। मैं उम्मीद करती हूं।"

गौरतलब है कि मनाली ने पत्र लिखने के लिए जो कागज इस्तेमाल किया है, वह उसकी स्कूल की कॉपी का ही है, जो साफ तौर पर नजर आता है।

Updated : 21 Feb 2019 9:59 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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