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दिल्ली सरकार को भी राजद्रोह कानून की समझ नहीं : पी चिदंबरम

दिल्ली सरकार को भी राजद्रोह कानून की समझ नहीं : पी चिदंबरम
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नई दिल्ली। दिल्ली की अरविंद केजरीवाल सरकार ने देशद्रोह के चार साल पुराने एक मामले में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दे दी। कन्हैया के खिलाफ केस चलाने की मंजूरी देने के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम की प्रतिक्रिया आई है। कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ मुकदमा चलाए जाने के फैसले पर असहमति जताई है। बता दें कि शुक्रवार को दिल्ली सरकार ने देशद्रोह के मामले में कन्हैया कुमार और दो अन्य लोगों पर मुकदमा चलाने के लिए दिल्ली पुलिस को मंजूरी दी।

पी चिदंबरम ने शनिवार को ट्वीट कर कहा, 'दिल्ली सरकार की समझ भी राजद्रोह कानून को लेकर केंद्र सरकार से कम नहीं है। कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ भारतीय दंड सहिंता (आईपीसी) की धारा 124ए और 120बी के तहत राजद्रोह का केस चलाने की मंजूरी देने का कड़ा विरोध करता हूं।'

वहीं, भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसे तीन साल लटकाए रखा, लेकिन जनता के सामने आखिरकार उन्हें झुकना पड़ा। उन्होंने एक ट्वीट में कहा, 'जनता के दबाव में, आखिरकार दिल्ली सरकार को जेएनयू मामले में मुकदमा चलाने की अनुमति देने के लिए मजबूर होना पड़ा। तीन साल तक अरविंद केजरीवाल इसे टालते रहे लेकिन उन्हें जनता के सामने झुकना पड़ा।'

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष रहे कन्हैया ने दिल्ली सरकार को मुकदमा चलाने की मंजूरी देने के लिए धन्यवाद दिया है। बता दें कि नियमों के मुताबिक जांच एजेंसियों को राजद्रोह के मामलों में आरोपपत्र दाखिल करने के लिए राज्य सरकार की मंजूरी लेनी होती है।

दरअसल, पुलिस ने 2016 के इस मामले में कुमार के साथ ही जेएनयू के पूर्व छात्रों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया था। जेएनयू के पूर्व छात्र कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य सहित अन्य के खिलाफ आरोप है कि नौ फरवरी 2016 को जेएनयू परिसर में हुए कार्यक्रम में इन्होंने एक जुलूस की अगुवाई की और देशद्रोही नारे लगाए थे।

Updated : 29 Feb 2020 6:29 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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