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जनधन योजना की मदद से देश में डेबिट कार्डों की संख्या 100 करोड़ के पार

जनधन योजना की मदद से देश में डेबिट कार्डों की संख्या 100 करोड़ के पार
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नई दिल्ली। जनधन योजना, डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी), एमडीआर वेवर, भीम अप्लीकेशन आदि के चलते देश में डेबिट कार्ड की बाढ़ सी आ गई है। हालांकि इसमें केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार की भूमिका महत्वपूर्ण है।

देश में डेबिट कार्डों की संख्या लगभग 100 करोड़ से ज्यादा हो गई है जबकि एक दशक पहले इनकी संख्या महज 8.4 करोड़ थी। पिछले अगस्त के दौरान इन डेबिट कार्ड के माध्यम से 3.24 खरब रुपये का लेनदेन किया गया। अगस्त 2013 के दौरान महज 160 लाख रुपये के लेनदेन किए गए थे।

हालांकि अमेरिकी वित्त अधिकारियों का निशाना बने केंद्र सरकार के रुपे कार्ड ने भी डिजिटल लेनदेन को काफी प्रोत्साहित किया है। पिछले दो सालों में रुपे कार्ड की संख्या में दोगुनी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अभी इनकी संख्या 5600 लाख है। उल्लेखनीय है कि डेबिट कार्डों का प्रयोग अब सिर्फ एटीएम से पैसे निकालने के लिए ही नहीं किया जाता बल्कि इनका प्रयोग अब सब्जी खरीदने से लेकर मशीनरी खरीदने में भी किए जाने लगा है। हालांकि पांच साल पूर्व 90 फीसदी मामलों में डेबिट कार्डों से सिर्फ पैसे ही निकाले जाते थे।

इस बीच विजया बैंक के प्रबंध निदेशक आरए शंकर नारायण ने भी कहा है कि अब ग्रामीण क्षेत्र के लोग भी ई-कामर्स का सहारा लेने लगे हैं। वे भी अमेजन, फ्लिपकार्ट आदि कंपनियों से सामानों की खरीद करने लगे हैं। साथ ही कैनरा बैंक के महाप्रबंधक (डेबिट कार्ड) भी नारायण की कथन से सहमत हैं।

इसके बारे में एचडीएफसी बैंक के कार्ड प्रमुख पराग राव के मुताबिक देश में खपत की कहानी यह है कि अब ग्राहक कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने लगे हैं। इसमें उनको सुविधा के साथ सुरक्षा भी उपलब्ध हो जाती है।

Updated : 6 Nov 2018 7:38 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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