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देश के पास शोध एवं विकास में केवल 15 फीसदी महिला कार्यबल : राष्ट्रपति

- विज्ञान में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए तीन योजनाएं की लॉन्च

देश के पास शोध एवं विकास में केवल 15 फीसदी महिला कार्यबल : राष्ट्रपति
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नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महिलाओं की कम संख्या पर चिंता जाहिर करते हुए शुक्रवार को तीन योजनाओं का शुभारंभ किया। इनका उद्देश्य देश में विज्ञान और प्रौद्योगिकी जैसे विषयों में महिलाओं की हिस्सेदारी को बढ़ावा देना है।

राष्ट्रपति कोविंद ने राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के मौके पर यहां विज्ञान भवन में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देश के पास शोध एवं विकास (आरएंडडी) में केवल 15 फीसदी कार्यबल है। उन्होंने नेशनल टास्क फोर्स की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि ऐसी अत्यधिक समर्पित महिला वैज्ञानिकों की मौजूदगी के बावजूद भारत में आरएंडडी कार्यबल की वैश्विक औसत 30 फीसदी की तुलना में 15 फीसदी से कम महिलाएं हैं।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर हमारे शैक्षणिक और आरएंडडी संस्थानों में लिंग उन्नति और समानता के लिए तीन नई पहल शुरू करने पर प्रसन्नता हो रही है। उन्होंने कहा कि भारत ने वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने के लिए विशेष जोर दिया है। हमारे संविधान ने स्वयं इस रवैये को एक मौलिक कर्तव्य के रूप में परिभाषित किया है। ऐसे में वैज्ञानिक स्वभाव, मानवतावाद और जांच और सुधार की भावना विकसित करना देश के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।

उन्होंने कहा कि विज्ञान उद्धरण सूचकांक (साइंस साइटेशन इंडेक्स जर्नल) पत्रिकाओं के प्रकाशनों की संख्या के मामले में चीन और अमेरिका के बाद आज भारत तीसरे स्थान पर है।

राष्ट्रपति ने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान केंद्र (इसरो) के श्रीहरिकोटा रेंज की अपनी हालिया यात्रा के अनुभव को साझा करते हुए कहा कि वहां उनकी मुलाकात चंद्रयान परियोजना के लिए समर्पित एक महिला वैज्ञानिक से हुई थी। वह महिला मिशन में शामिल होने के लिए छह महीने के बेटे को अपने माता-पिता के पास छोड़कर आई थी।

उन्होंने कहा कि महिलाओं को विज्ञान में उच्च अध्ययन के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, केंद्रीय विश्वविद्यालयों में आगंतुक के रूप में महिलाओं के प्रतिनिधित्व को काफी बढ़ाया है। महिलाओं के लिए संकाय पदों में उच्च अध्ययन और रोजगार के अनुकूल वातावरण बनाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

पहली, जेंडर एडवांसमेंट फॉर ट्रांसफार्मिंग इंस्टीट्यूशंस अर्थात गति है। यह अच्छी तरह से परिभाषित पैरामीटर के आधार पर लिंग उन्नति पर प्रतिभागियों के संस्थान द्वारा की गई प्रगति की सहायता करेगा।

दूसरी, महिलाओं के लिए विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संसाधन का एक ऑनलाइन पोर्टल है। यह सरकारी योजनाओं, स्कॉलरशिप, फेलोशिप के साथ-साथ करियर काउंसलिंग और विभिन्न विषयों के विशेषज्ञों के विषय क्षेत्र का विवरण की जानकारी उपलब्ध कराएगा।

तीसरी, विज्ञान ज्योति योजना। इसके तहत हाई स्कूल से मेधावी छात्राओं को विज्ञान क्षेत्र में करियर बनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि वह उच्च शिक्षा में विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इंजीनियरिंग और गणित क्षेत्र को चुनें।

Updated : 28 Feb 2020 8:30 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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