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देश में स्वच्छ, कुशल और किफायती यातायात प्रणाली आज की आवश्यकता
XImage Credit : ANI Tweet
नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा है कि देश में स्वच्छ, कुशल और किफायती गतिशीलता प्रणाली तैयार करना बेहद जरूरी है।
वैश्विक गतिशीलता शिखर सम्मेलन 2018 में शनिवार को उन्होंने कहा कि वैश्विक रुझानों में बदलाव के बावजूद भारत में पेट्रोल और डीजल की खपत पांच प्रतिशत बढ़ी है। इलेक्ट्रिक वाहनों के विकास की दिशा में चाहे जितनी भी प्रगति हुई हो लेकिन भारत को अभी भी उच्च परिष्कृत क्षमताओं की आवश्यकता है।
स्वच्छ उत्सर्जन को प्राप्त करने की दिशा में सरकार के प्रयासों का जिक्र करते हुए प्रधान ने कहा कि भारत जल्द ही बीएस -4 से बीएस -6 ईंधन मानकों तक पहुंच जाएगा। दिल्ली इस वर्ष अप्रैल से पहले ही बेहतर ईंधन अपना चुकी है। प्रधान ने कहा कि सरकार ने वाणिज्यिक भारी वाहनों के लिए पहले ही ईंधन दक्षता मानदंड लागू कर दिए हैं।
गैस आधारित परिवहन समाधानों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में सीएनजी, एलएनजी और जैव-सीएनजी का उपयोग किया जा रहा है। उनका लक्ष्य 10 सालों में देशभर के आधे हिस्से में लगभग 10 हजार सीएनजी स्टेशन तैयार करने का है।
भारी वाणिज्यिक वाहनों द्वारा लंबी दूरी के परिवहन के लिए ईंधन के रूप में एलएनजी को बढ़ावा देने के मुद्दे पर प्रधान ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों और एलएनजी वितरण बुनियादी ढांचे की स्थापना में कुछ निजी उद्यमों के प्रयासों के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि 12 जैव-रिफाइनरियां स्थापित की जा रही हैं और 10 प्रतिशत इथेनॉल मिश्रण किए जाने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कदम बढ़ा रहे हैं। जल्द ही बायो-एटीएफ और बायो-सीएनजी नीतियां तैयार की जाएंगी। इंडियन ऑयल ने अगले वर्ष 50 हाइड्रोजन समृद्ध सीएनजी बसें तैयार करने को लेकर दिल्ली सरकार के साथ करार किया है।
इलेक्ट्रिक वाहनों के मुद्दे पर प्रधान ने कहा कि बुनियादी ढांचे और इलेक्ट्रिक वाहनों से जुड़ी अर्थव्यवस्था की स्थापना से संबंधित कई चुनौतियां हैं। इसके लिए अंतर-मंत्रालयी टीम व्यापक नीति तैयार करने का काम कर रही है।