Home > देश > चिदंबरम ने कहा - देश में जीएसटी को 'कर आतंकवाद' की तरह लागू किया गया

चिदंबरम ने कहा - देश में जीएसटी को 'कर आतंकवाद' की तरह लागू किया गया

चिदंबरम ने कहा - देश में जीएसटी को कर आतंकवाद की तरह लागू किया गया
X

नई दिल्ली। पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा कि आज देश की आर्थिक नीति गलत हाथों में है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से देश में वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) को लागू किया गया ये कर आतंकवाद लगता है।

चिदंबरम ने रविवार को केंद्र में सत्तारूढ़ मोदी सरकार की आर्थिक नीति पर सवाल उठाते कहा कि यूपीए सरकार का कार्यकाल जीडीपी के लिहाज से स्वर्णिम काल रहा। मोदी सरकार को अपने कार्यकाल के पांचवें साल में जीडीपी दर को संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए)-1 के बराबर लाने के लिये एनडीए सरकार के दो कार्यकाल को मिलाना पड़ेगा।

पी चिदंबरम ने पत्रकारों को संबोधित करते हुए आरोप लगाया कि मई, 2014 से जब से भाजपा के नेतृत्व में एनडीए सरकार ने सत्ता सम्भाली है, उसी दिन से उनका एक निरंतर प्रयास रहा है कि वो मनमोहन सिंह के नेतृत्व में यूपीए 1 और यूपीए 2 द्वारा बनाए गए विकास के कीर्तिमानों को किसी भी कीमत पर कम करके दिखाएं। काफी भ्रम की स्थिति फैलाने की कोशिश हुई और मोदी सरकार ने भ्रम बढ़ाने के लिए बेस ईयर को 2004-05 से 2011-12 में बदल दिया, ताकि आंकड़ों की जादूगरी से जीडीपी को बढ़ा कर दिखाया जा सके।

चिदंबरम ने कहा कि हमें ये याद करना होगा कि कांग्रेस पार्टी ने लगातार इस बेस ईयर के परिवर्तन पर सवाल उठाए और कहा था कि स्थापित अंतरराष्ट्रीय मान्यताओं के अनुसार पिछले सालों के आंकड़ों को भी बेस ईयर के परिवर्तन वाली नई सीरीज के अनुसार जारी किया जाए। कांग्रेस पार्टी ने ये भी मांग की थी कि बैक सीरीज डाटा द्वारा जीवीए और जीडीपी की गणना की जाए, जिससे विभिन्न वर्षों के विकास के आंकड़ों का सार्थक तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके।

उन्होंने कहा कि बैक सीरीज डाटा अब उपलब्ध है और इस डाटा ने एक बार फिर सत्यमेव जयते को कायम किया। सत्य को लम्बे समय तक दबाकर नहीं रखा जा सकता और सत्य आखिर में असत्य और विकृतियों को हरा ही देता है। बैक सीरीज आंकड़ो के आने से एक बार फिर से यह सत्यापित हो गया है।

उन्होंने कहा कि केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय के अनुसार दुनिया भर में आर्थिक मंदी के बावजूद 2004-14 की जीडीपी दर 2014-18 से ज्यादा रही है। आर्थिक वृद्धि दर के लिहाज से यूपीए सरकार का 2004-14 कार्यकाल सर्वश्रेष्ठ रहें। केंद्रीय सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों का हवाला देते हुए चिदम्बरम ने कहा कि जीडीपी गणना की पुरानी पद्धति ने साबित किया है कि आर्थिक वृद्धि दर के सर्वश्रेष्ठ वर्ष संप्रग सरकार के (2004-14) थे। वर्ष 1999 से चार सरकारों के दौरान औसत वृद्धि दर राजग प्रथम : 5.68 प्रतिशत, संप्रग प्रथम : 8.36 प्रतिशत, संप्रग द्वितीय : 7.68 प्रतिशत और राजग दो (चार साल) : 7.35 प्रतिशत। उन्होंने कहा कि हम अब यही उम्मीद कर सकते हैं कि मोदी सरकार पांचवें साल में अच्छा करेगी।

उन्होंने कह कि मोदी सरकार की सबसे बड़ी नामकामी नोटबंदी और जीएसटी को जिस तरीके से लागू किया वह रही। देश के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यन का हवाला देते हुए कहा कि उन्होंने जिन तीन सालों को आर्थिक प्रगति का दौर माना था वो 2005-06, 2006-07 और 2007-08 ही रहे।

उन्होंने कहा कि अर्थशास्त्र में एक कहावत है कि आंकड़े कभी झूठ नहीं बोलते हैं। जब 2013-14 में यूपीए 2 ने सत्ता छोड़ी, उस साल में भी भारत की आर्थिक विकास 6.39% की दर से बढ़ रही थी। इसके अलावा राजकोषीय घाटा 4.48% पर नियंत्रित था और चालू खाते का घाटा)1.7% था।

उन्होंने कहा, 'नरेन्द्र मोदी जी को जो अर्थव्यवस्था मिली वो ऊपर की तरफ बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था थी परन्तु दुर्भाग्यपूर्ण रूप से नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए 2 की सरकार ने 2 वर्ष बीतने के साथ ही उस गति को खो दिया, जिसके प्रमुख कारण नोटबंदी, गलत एवं बिना तैयारी से जीएसटी का क्रियान्वयन एवं कर आतंकवाद रहा। इसके अलावा एक और कारण ऋण विकास दर भी अपने निम्नतम स्तर पर है। 2013-14 में यह आंकड़ा 14% था। मोदी सरकार के पिछले 4 साल का औसत ऋण विकास दर 8.27% रहा है।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से ही समता एवं सामाजिक न्याय के साथ बढ़ी हुई विकास दर की पक्षधर रही है परन्तु वर्तमान मोदी सरकार में ये तीनों अपने निम्न स्तर पर हैं। कांग्रेस पार्टी के लिए हमेशा भारत और भारत की जनता का विकास प्रथम प्राथमिकता रही है, उसी परंपरा को ध्यान में रखते हुए हम वर्तमान की मोदी सरकार को पांचवे एवं अंतिम साल के लिए शुभकामनाएं देते हैं। हम ये मानते हैं कि यूपीए 1 के आंकड़ो को छूना मोदी सरकार के लिए अब असंभव है पर ऐसी कामना करते हैं कि वो औसत विकास दर में कम से कम यूपीए 2 की बराबरी करने का प्रयास करे।

Updated : 19 Aug 2018 5:19 PM GMT
Tags:    
author-thhumb

Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


Next Story
Top