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देश की शिक्षा प्रणाली को वैचारिक हथियार बनाने में जुटी केन्द्र सरकार

देश की शिक्षा प्रणाली को वैचारिक हथियार बनाने में जुटी केन्द्र सरकार
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नई दिल्ली। देश की शिक्षा प्रणाली को केंद्र सरकार एक वैचारिक हथियार के रूप में इस्तेमाल करने में जुट गई है। पिछले पांच सालों में सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में कोई प्रयास नहीं किया है। शनिवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में छात्रों से सीधा संवाद करते हुए कहा कि आज विश्वविद्यालयों में कुलपति के पद पर एक संगठन की विचारधारा के लोग बैठाये जा रहे हैं।

राहुल ने कहा कि वह चाहते हैं कि सरकार शिक्षा हासिल करने के इच्छुक छात्रों के लिए बेहतर प्रयास करे ताकि बैंकों से कर्ज लेना आसान हो, छात्रवृत्ति मिले, देश में अधिक विश्वविद्यालय जोड़े जायें, उनमें छात्रों की सीटें बढ़ाई जायें। इन सब विषयों पर वर्तमान भाजपा राज में गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि भारत, अमेरिका और यूरोप के देशों में सबसे बड़ी समस्या नौकरियों की है। इस समस्या का समाधान नहीं हो रहा है जिसके चलते लोगों में गुस्सा बढ़ रहा है और दक्षिणपंथी संगठन इसका अपने हित में इस्तेमाल कर रहे हैं। हमारी सरकार इस बात को स्वीकार नहीं कर रही कि देश में नौकरियों का संकट है। उन्होंने कहा कि इस देश के युवा ही वास्तव में इस देश को प्रगति की ओर ले जाने में सक्षम हैं। उन्होंने कहा कि वह शिक्षा के सख्त ढांचे में विश्वास नहीं करते बल्कि छात्रों को सशक्त बनते देखना चाहते हैं। हमारा मानना है कि सरकार को शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में मदद करनी चाहिए।

सभी संस्थानों को आरटीआई के दायरे में लाया जाए

राहुल गांधी ने एक सवाल के जवाब में कहा कि केवल राजनीतिक दलों की फंडिंग में पारदर्शिता लाकर देश की भलाई नहीं होगी। अन्य महत्व के संस्थानों न्यायपालिका, मीडिया और व्यापारिक संस्थानों को भी आरटीआई के दायरे में लाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि केवल राजनीतिक दलों पर शिकंजा कसने से देश का भला नहीं होगा।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि भारत में संपत्ति का केन्द्रीकरण हो रहा है। कांग्रेस पार्टी इस सोच के ही पूरी तरह खिलाफ है। वर्तमान सरकार सारा काम देश के 15-20 उद्योगपतियों के लिये कर रही है जबकि हमारी सोच स्पष्ट है कि सरकार को यह धन शिक्षा पर लगाना चाहती है। वर्तमान सरकार चाहती है कि शिक्षा पर पैसा छात्र लगायें और निजीकरण के जरिये इससे 15-20 उद्योगपतियों को ही मदद मिले।

कांग्रेस सरकार आने पर अर्द्धसैनिक बलों को मिलेगा शहीद का दर्जा

राहुल ने अर्द्धसैनिक बलों को शहीद का दर्जा नहीं दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि आज अर्धसैनिक बलों को शहीद का दर्जा नहीं मिलता, लेकिन कांग्रेस की सरकार आएगी तो उन्हें शहीद का दर्जा मिलेगा।

Updated : 23 Feb 2019 9:45 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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