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विधानसभा चुनाव : राजस्थान भाजपा में प्रत्याशियों के चयन पर केन्द्र की कड़ी निगरानी

विधानसभा चुनाव : राजस्थान भाजपा में प्रत्याशियों के चयन पर केन्द्र की कड़ी निगरानी
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नई दिल्ली/स्वदेश वेब डेस्क। राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने अड़कर भले ही केन्द्र की पसंद (गजेन्द्र सिंह शेखावत) के व्यक्ति को राज्य भाजपा अध्यक्ष नहीं बनने दिया, लेकिन दिसंबर 2018 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों व प्रत्याशी चयन के लिए लिए बनाई गई समितियों में राज्यसभा सांसद व महासचिव भूपेंद्र यादव तथा उत्तर प्रदेश भाजपा के संगठन मंत्री सुनील बंसल को रखकर उन पर नकेल लगाने की कोशिश शुरू कर दी गई है। इसको लेकर बहुत से भाजपा कार्यकर्ता चिंतित हो गये हैं, क्योंकि इससे खेमेबंदी और बढ़ने की संभावना हो गयी है। इस बारे में राजस्थान के वरिष्ठ पत्रकार सुधेन्दु पटेल का कहना है कि वसुंधरा जब अड़कर अपने लिए अड़चन नहीं लगाने वाले व्यक्ति को राज्य भाजपा अध्यक्ष बनवा लीं और केन्द्र के सर्वेसर्वा द्वय उन पर बहुत दबाव बनाकर भी कुछ नहीं कर पाये, तो उस वसुंधरा को नकेल लगाना और वह भी भूपेंद्र यादव व सुनील बंसल जैसों के मार्फत बिल्कुल संभव नहीं है। क्योंकि इन दोनों का राजस्थान में कोई आधार नहीं है, जबकि वसुंधरा राजे सिंधिया का बहुत बड़ा आधार है। राज्य में महिलाओं व जाट समाज में इनका कोई मुकाबला नहीं है और ब्राह्मण, राजपूत तथा मारवाड़ी में इनकी पैठ बहुत ही अच्छी है। सच कहा जाए तो भाजपा में आज की तारीख में राजस्थान में वसुंधरा की तरह साख व पकड़वाला कोई भी नेता नहीं है। उनकी बराबरी का तो छोड़ दीजिए, उनके आधे कद का भी नहीं है। इसलिए मोदी और शाह चाहे जो कुछ कर लें, वसुंधरा को नकेल नहीं लगा सकते हैं। यदि ऐसा करने की किसी भी तरह से कोशिश किया, तो इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा और वसुंधरा को नकेल लगाने के चक्कर में भाजपा पर नकेल लग जाएगा। इसका लाभ कांग्रेस उठा ले जाएगी।

इस बारे में भाजपा के एक पूर्व पदाधिकारी का कहना है कि वैसे भी वसुंधरा को परेशान करने के लिए और उन पर नकेल लगाने की कोशिश के तहत जो कुछ भी अभी तक किया गया है या किया जा रहा है, उससे पार्टी की छवि खराब हो रही है| गलत संदेश जा रहा है, क्योंकि जब तमाम सीटें हारने के बाद अन्य राज्यों में, यहां तक कि गुजरात, झारखंड, उ.प्र. में भी किसी का बाल बांका नहीं हुआ है, तो राजस्थान में वसुंधरा के पीछे केन्द्र के लोग क्यों पड़े हुए हैं। क्या मैसेज राजस्थान की जनता और भाजपा के कार्यकर्ताओं में जा रहा है। संदेश गलत जा रहा है| इससे राज्य भाजपा के कार्यकर्ताओं को लग रहा है कि केंद्र द्वारा जान-बूझकर वसुंधरा को परेशान किया जा रहा है। उनको अस्थिर कर अपने किसी भूपेंद्र यादव या सुनील बंसल जैसों को राज्य की बागडोर भविष्य में सौंपने की योजना बनाई जा रही है। पार्टी के प्रतिबद्ध कार्यकर्ता व समर्थक इससे चिंतित हैं। उनमें कई का कहना है कि वसुंधरा में भी कई खामियां हैं, जिसके लिए नेताओं को आपस में मिल बैठ बात करना व समस्याओं का निराकरण करना चाहिए। लेकिन एक-दूसरे की नहीं मानने से या ऊपर से अपने को थोपने की कोशिश के उपक्रम से तो पार्टी का ही नुकसान होगा।

Updated : 2 Oct 2018 2:50 PM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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