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स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े अनुसंधान एवं विकास कार्यों हेतु हुए समझौते
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नई दिल्ली। विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के बायोटेक्नोलॉजी विभाग (डीबीटी) और अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी (आईईए) ने स्वच्छ ऊर्जा से जुड़े अनुसंधान एवं विकास कार्यों के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
डीबीटी सचिव डॉ रेणु स्वरूप और आईईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. फतेह बिरोल ने गुरुवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन मंत्री की उपस्थिति में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
एमओयू भारत में स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकी से जुड़े अनुसंधान, विकास और प्रदर्शन संबंधी कार्यों में तेजी लाने के लिए नई खोजों को साझा करने की दिशा में सहयोग को मजबूत बनाएगा।
डॉ. हर्षवर्धन ने इस पहल का स्वागत करते हुए कहा कि नवाचार से जुड़ी जानकारी साझा करने की दिशा में सहयोग सुनिश्चित होगा। पेरिस समझौते के तहत अपने दायित्वों को पूरा करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि हम समय से पहले अपने लक्ष्य को पूरा करेंगे।
आईईए के कार्यकारी निदेशक डॉ. फतेह बिरोल ने कहा कि भारत स्वच्छ ऊर्जा विकास के क्षेत्र में नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभा रहा है। उन्होंने कहा कि आईईए भारत की वैश्विक ऊर्जा क्षेत्र में महती भूमिका को स्वीकार करता है।
डीबीटी सचिव डॉ रेणु स्वरुप ने आश्वासन दिया कि विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग वर्तमान एमओयू के तहत पहचाने गए कार्यक्रमों को गंभीरता से आगे ले जाएगा।
समझौता ज्ञापन शोध और विकास क्षेत्र से जुड़ी ऊर्जा नीतियों और डेटा संग्रह व विश्लेषण पर सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने के लिए सहयोग सुनिश्चित करेगा। इसमें प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण जैसी गतिविधियों और वित्त स्रोतों की पहचान करके ऊर्जा नवाचार में तेजी लाने के भी प्रावधान हैं। समझौता शुरुआत में तीन वर्षों के लिए मान्य होगा।