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अब जरूरी नहीं नेताओं और अधिकारियों की सिफारिश

पद्मम सम्मान : केन्द्र ने बदल दिए नियम, कोई भी कर सकता है किसी की सिफारिश

अब जरूरी नहीं नेताओं और अधिकारियों की सिफारिश
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भोपाल। देश के सबसे प्रतिष्ठित पद्म पुरस्कारों के लिए अब किसी नेता या अफसर की सिफारिश की जरूरत नही है। कोई भी आम आदमी किसी भी योग्य आदमी की सिफारिश कर सकता है । केन्द्र सरकार इस संबंध में पिछले साल ही नियम संशोधन कर चुकी है यह बात अलग है कि इसका प्रचार प्रसार नही होने से आज भी पद्मम सम्मान के लिए नेताओ व अफसरो से सिफरिश कराने के लिए उनके चक्कर काट रहे है। अगले साल के लिए पद्मम सम्मान दिए जाने की अंतिम तारीख 15 सितंबर है। आपको बता दें कि मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद यह सुविधा दी गई कि पद्म सम्मान के लिए के लिए कोई भी व्यक्ति किसी के भी नाम की अनुशंसा कर सकता है। सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय को इस बार इस श्रेणी से अब तक 21,228 आवेदन आए हैं। कोई भी व्यक्ति किसी के योगदान के बारे में अधिकतम 800 शब्दों में उनका योगदान बताते हुए पद्म सम्मान के लिए नामांकित कर सकता है। समाज के अनजान चेहरे को पद्म सम्मान देने की पहल खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। पिछले दिनों पीएम मोदी ने अब तक जारी परंपरा की आलोचना करते हुए कहा था कि पहले यह सम्मान मंत्रियों और नेताओं की सिफारिश पर दिए जाते थे। वहीं, मोदी सरकार ने बीते साल पद्म सम्मान में नई पहल करते हुए अप्रत्याशित तरीके से कुछ अनजान नामों को सामने लाया और इनके गुमनाम योगदान को देश के सबसे प्रतिष्ठित सम्मान से नवाजा गया। इसके बाद आगे बढ़ते हुए नॉमिनेशन प्रक्रिया में भी बदलाव कर दिया गया। पीएम की अगुआई में ही नाम का चयन किया जाता है। सरकार ने तीन साल पहले भी पद्म सम्मान जीतने वाले लोगों की लिस्ट सार्वजनिक की थी जिससे यह बात सामने आई थी कि अधिकतर बड़े शहरों में रहने वालों को यह सम्मान मिला।

Updated : 30 Aug 2018 11:55 AM GMT
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Swadesh Digital

स्वदेश वेब डेस्क www.swadeshnews.in


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