1 मिलियन टन क्लब में शामिल होगी बालको, बनेगी देश की दूसरी सबसे बड़ी एल्युमिनियम स्मेल्टर कंपनी

कोरबा (छत्तीसगढ़):
वेदांता समूह की सहायक कंपनी भारत एल्युमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) अब इतिहास रचने जा रही है। कंपनी जल्द ही वन मिलियन टन (10.85 लाख टन) वार्षिक एल्युमिनियम उत्पादन क्षमता के साथ देश की दूसरी सबसे बड़ी एल्युमिनियम स्मेल्टर कंपनी बन जाएगी।
जानकारी के अनुसार, बालको के पुराने एल्युमिनियम प्लांट परिसर में 5 लाख टन सालाना क्षमता वाला नया स्मेल्टर तैयार हो चुका है और यह वर्तमान में कमीशनिंग चरण में है। परीक्षण और निरीक्षण के बाद यह स्मेल्टर मार्च 2026 से पूर्ण उत्पादन में आ जाएगा।
बालको का सफर
27 नवंबर 1965 को बालको ने सार्वजनिक क्षेत्र की पहली एल्युमिनियम उत्पादन इकाई के रूप में शुरुआत की थी।
राज्य गठन से पहले स्मेल्टर की उत्पादन क्षमता केवल 25 हजार टन प्रति वर्ष थी।
विनिवेश के बाद कंपनी ने तेजी से विस्तार किया और आज इसकी उत्पादन क्षमता 5.85 लाख टन प्रति वर्ष हो चुकी है।
नए स्मेल्टर के शुरू होने के बाद यह क्षमता 10.85 लाख टन प्रति वर्ष तक पहुँच जाएगी।
1 मिलियन टन क्लब में बालको की एंट्री
वर्तमान में ओडिशा के झारसुगुड़ा में स्थित वेदांता एल्युमिनियम ही देश की एकमात्र कंपनी है जो 1 मिलियन टन क्लब में शामिल है। अब बालको भी इस प्रतिष्ठित श्रेणी में कदम रखने जा रही है।
आधुनिक तकनीक और आत्मनिर्भरता की दिशा में कदम
नया स्मेल्टर आधुनिक तकनीकों से सुसज्जित है, जिससे उच्च गुणवत्ता का एल्युमिनियम उत्पादन संभव होगा। पुराने और आउटडेटेड प्लांट्स को डिस्मेंटल कर उसी भूमि पर नया विस्तार प्रोजेक्ट विकसित किया गया है, जिससे अतिरिक्त भूमि की आवश्यकता नहीं पड़ी।
विकसित भारत 2047 के लक्ष्य की ओर
बालको का यह विस्तार प्रोजेक्ट न केवल कंपनी के लिए बल्कि देश के एल्युमिनियम उद्योग के लिए भी एक बड़ा मील का पत्थर साबित होगा। यह परियोजना “विकसित भारत 2047” की दिशा में एक महत्वपूर्ण योगदान है।
