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ना लैपटॉप, ना टारगेट्स हैदराबाद की कंपनी ने कुत्ते को बनाया CHO, सोशल मीडिया पर मचा तहलका
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गोल्डन रिट्रीवर बना ऑफिस का बॉस: ना लैपटॉप, ना टारगेट्स हैदराबाद की कंपनी ने कुत्ते को बनाया CHO, सोशल मीडिया पर मचा तहलका

Tanisha Jain
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29 May 2025 5:25 PM IST

कॉर्पोरेट ऑफिस का नाम सुनते ही अक्सर लोगों के दिमाग में टारगेट्स, डेडलाइन और स्ट्रेस जैसी चीजें आती है। लेकिन हैदराबाद की एक रोबोटिक्स स्टार्टअप कंपनी ने इस सोच को पूरी तरह बदल दिया है। इस कंपनी ने अपने ऑफिस का माहौल खुशनुमा बनाने के लिए एक बहुत ही प्यारा और खास तरीका अपनाया और एक गोल्डन रिट्रीवर डॉग 'डेनवर' को चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर (CHO) बनाया है।

जानिए डेनवर के बारे में

डेनवर एक कूल, सोशल और फ्रेंडली नेचर का डॉग है। जो अब हर दिन ऑफिस आता है। वो टीम मीटिंग्स में भी हिस्सा लेता है। साथी ही सभी कर्मचारियों का स्ट्रेस दूर करता है। डेनवर की मौजूदगी से ऑफिस का माहौल पॉजिटिव बना हुआ है।

LinkedIn पर भी एक्टिव है डेनवर


डेनवर सिर्फ ऑफिस में ही नहीं, बल्कि LinkedIn पर भी पूरी तरह प्रोफेशनल अंदाज में एक्टिव है। अपने LinkedIn प्रोफाइल पर वो खुद को एक ऐसा चीफ हैप्पीनेस ऑफिसर बताता है, जो ऑफिस में पॉजिटिव और हेल्दी माहौल बनाने के लिए पूरी तरह डेडिकेटेड है। उसका काम सिर्फ पूंछ हिलाना नहीं, बल्कि टीम के बीच अच्छे रिश्ते बनाना है। साथ ही सभी को मोटिवेट और खुश बनाए रखना है।

कंपनी ने क्यों लिया ये फैसला?


Harvesting Robotics नाम की इस कंपनी के को-फाउंडर राहुल अरेपका ने बताया कि आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और काम के प्रेशर में लोग थकने लगे है। इसी कारण से उन्होंने डेनवर को CHO बनाया गया।

राहुल ने कहा, “हमने महसूस किया कि सिर्फ डेडलाइन्स से ऑफिस नहीं चलता, कर्मचारियों की खुशी और मानसिक सेहत भी जरूरी है। डेनवर की मौजूदगी से ऑफिस में एनर्जी और पॉजिटिविटी दोनों बढ़ी है।”

सोशल मीडिया पर मचा तहलका


जैसे ही कंपनी ने अपने नए CHO डेनवर की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की, इंटरनेट पर ये पोस्ट वायरल हो गई। लोगों ने डेनवर की जमकर तारीफ की और कहा कि यह पहल हर ऑफिस को करनी चाहिए।

भारत में बढ़ रहा है पेट-फ्रेंडली कल्चर

गूगल, अमेज़न जैसे कई इंटरनेशनल ब्रांड्स पहले से ही पेट-फ्रेंडली ऑफिस कल्चर को अपनाते आए है। अब भारत के हैदराबाद, बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों की कंपनियां भी इस दिशा में कदम बढ़ा रही है। यह न सिर्फ कर्मचारियों की वेलबीइंग के लिए अच्छा है, बल्कि ऑफिस की प्रोडक्टिविटी और हैप्पीनेस बढ़ाने में मददगार है।

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