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युवा दिवस के रूप में जगह-जगह मनायी गई स्वामी विवेकानंद जयंती
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युवा दिवस के रूप में जगह-जगह मनायी गई स्वामी विवेकानंद जयंती

स्वदेश डेस्क
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12 Jan 2022 6:56 PM IST

75प्लस के लिए राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में संगोष्ठी आयोजित

बांदा। राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर राजकीय महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कोविड गाइडलाइंस का पालन करते हुए स्वामी विवेकानंद की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने उनके उपदेशों और संघर्षभरे जीवन का संक्षिप्त परिचय देते हुए कहा कि वह भारतीय संस्कृति के महानायक के रूप मे नामचीन हुए है।

जयंती के अवसर पर आगामी विधानसभा चुनाव 2022 में मतदाताओं को जागरूक करने व 75प्लस के पार मतदान के उद्देश्य से स्वीप के अंतर्गत एक मतदाता जागरूकता विषय पर संगोष्ठी व लोकगीत प्रतियोगिता का कार्यक्रम भी आयाेजत किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. दीपाली गुप्ता ने की। संगोष्ठी का आयोजन स्वीप प्रभारी डॉक्टर सबीहा रहमानी के द्वारा किया गया। इस अवसर पर कोविड-19 की गाइडलाइंस को दृष्टिगत रखते सर्वप्रथम डा. सबीहा रहमानी ने विषय प्रवर्तन करते हुए लोकतंत्र में मतदान के महत्व और भारत के गौरव और युवाओं की प्रेरणा स्वामी विवेकानंद जी के व्यक्तित्व और कृतित्व पर प्रकाश डाला। प्राचार्य डा. दीपाली गुप्ता ने अपने संबोधन में कहा कि इस बार पहले मतदान फिर सब काम, को पूरा करना है। उन्होंने राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर कहा कि हमारे लिए स्वामी विवेकानंद जी जैसे कर्मठ और ज्ञानी बहुत महत्वपूर्ण और प्रेरक उदाहरण हैं। हमें उनकी शिक्षा का पालन करना होगा। प्रो. जयकुमार चौरसिया ने कहा कि स्वामी विवेकानंद हमारे देश के गौरव हैं। इस प्रकार छात्राओं ने भी युवाओं की प्रेरणा स्वामी विवेकानंद के चरित्र और उनके उपदेशों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर महाविद्यालय में सुषमा तिवारी, रमेशचंद, शशांक सिंह, शोभित, लोकेंद्र आदि रहे।ं महाविद्यालय की छात्रा कुमारी कौसर ने युवाओं को मतदान के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि मतदान हमारी बहुत बड़ी शक्ति है हमें इस शक्ति का सही प्रयोग करना चाहिए। शिवानी गुप्ता ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए ।

संगीत महाविद्यालय : जो सीखने की ललक रखे वही युवा है : शिवप्रकाश

शहर मुख्यालय स्थित एक संगीत महाविद्याय में स्वामी विवेकानंद की जयंती युवाओं के प्रेरणास्रोत के रूप में मनाई गई। जयंती पर उनके व्यक्तित्व व कृतित्व पर उपस्थित साहित्यकारों ने प्रकाश डाला। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलित कर रामेश्वर प्रसाद यादव ने किया। मंच पर से मनोज कुमार ने नई सुबह है नई किरण है नव प्रभात नव गीत लिए....गीत गाकर उपस्थित जनों को सराबोर कर दिया। स्वामी विवेकानंद की संघर्ष पूर्ण जीवन पर चर्चा करते हुए चंद्रप्रकाश व्यथित ने देश के बालक तुम्ही देश की तकदीर हो गीत की लाइन पढ़कर लोगों को मंत्रमुग्ध कर दिया। शिवप्रकाश ने अपनी बात युवा कौन है के सवाल से शुरू की और बताया कि जो हमेशा कुछ सीखने की ललक रखे वही जिज्ञासु युवा है। प्रकाश सक्सेना ने गाया कि अभाव में जो पलते हैं कदम बढ़ाते वे कुमार्ग में मर्यादा छलते हैं। कार्यक्रम का संचालन युवा दीनदयाल सोनी ने किया। संगीत महाविद्यालय के पदाधिकारी धनंजय सिंह ने आगंतुकों का आभार व्यक्त किया।

सरस्वती विद्या मंदिर : तस्वीर और तकदीर बदल सकता है युवा

सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कॉलेज शास्त्री नगर में स्वामी विवेकानंद जयंती को युवा दिवस के रूप में मनायी गयी। कार्यक्रम में सर्वप्रथम विद्यालय के प्रधानाचार्य अतुल कुमार वाजपेई व वरिष्ठ आचार्य मनोज दीक्षित के द्वारा मां सरस्वती के चित्र एवं स्वामी विवेकानंद जी के चित्र पर पुष्पार्चन एवं माल्यार्पण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से युवा शक्ति पर फोकस किया गया। वक्ताओं ने कहा कि युवा देश की तस्वीर और तकदीर बदलने वाली ताकत है। विद्यालय के हिंदी प्रवक्ता अजय कुमार अवस्थी ने स्वामी विवेकानंद के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अपने विचार व्यक्त किए। विद्यालय के श्याम किशोर दीक्षित ने बताया कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ। उनके पिता का नाम विश्वनाथदत्त, माता का नाम भुनेश्वरी देवी था। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के सानिध्य में आकर उन्होंने संसार को भारतीय संस्कृति की महानता का परचम लहराया। पुस्तकालय प्रमुख विष्णुदत्त द्विवेदी ने उनके जीवन में घटित कई प्रसंगों पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम में विद्यालय के सभी आचार्य बंधु उपस्थित रहे।

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