< Back
अन्य
पुरानी तर्ज पर फिर शुरू हुआ ओवरलोडिंग का मर्ज
अन्य

पुरानी तर्ज पर फिर शुरू हुआ ओवरलोडिंग का मर्ज

स्वदेश डेस्क
|
9 Dec 2021 8:54 PM IST

अछरौड़ खंड संख्या-1 में नियमों की लूट जारी

बांदा। जिले में इन दिनों एक बार फिर पुरानी तर्ज पर बालू के कारोबार में काली कमाई का खेल तेजी से शुरू हो गया है। खदानों से ही ओवरलोड बालू भरे टक फर्राटे से बेधड़क ऐसे निकलते हैं मानों इन्हें ओवरलोड भरकर सड़क पर चलने का खदान वालों ने लाइसेंस दे दिया हो। हालात रोज इतने बदतर होते जा रहे हैं कि गर्मी के दिनों में मरम्मत कराई गई सड़कों में गड्ढ़े बड़े हो रहे हैं। राजस्व का नुकसान हो रहा है। सरकार की नीतियों, नियमों सहित साख पर बट्टा लग रहा है। स्थिति देखकर तरह-तरह के आरोपों और प्रत्यारोपों की बाजार गरम है। खनिज संचालकों के प्रेम में फंसा जिम्मेदार प्रशासन भी वही कदम चलता है जिसमें खनिज के व्यापार से उनका और खदान संचालकों का लाभ हो।


खनिज सामग्री के ओवरलोड में अंकुश लगने व लगाने का नाम नहीं लिया जा रहा। खनिज खदानों में लगे सीसी टीवी कैमरे और धर्मकांटा की मौजूदगी में खनिज खदानों से निकाले जाने वाले वाहनों में भरी बालू खदान से ही ओवरलोड लादी जाती है। तभी तो खदान से निकलकर सड़कों पर ओवरलोड सहित अन्य कमियों से लैस वाहन सरकारी निरीक्षण-परीक्षण दौरान पकड़ में आ जाते हैं। लेकिन गंभीर बात यह है कि जब सीसी टीवी कैमरे और धर्मकांटा खदान में ही मौजूद है और बालू भरकर वाहन खदान से सड़क पर चलते हैं तो ओवरलोड रोकने का अंकुश जिम्मेदार खनिज व प्रशासन ऐसे गोरखधंधे को क्यों नहीं रोक पा रहा। बालू के इस गोरखधंधा के चलते जहां खनिज नियमावली पर धक्का लग रहा है वहीं सरकार के नियम और साख पर भी बट्टा लग रहा है। सड़कों पर ओवरलोड बालू से लदे वाहनों की हालत से राजस्व के साथ सड़कों की खराबी भी तेजी से शुरू हो गयी है।

खनिज खदानों से ओवरलोड रोकने के लिए खनिज खदानों में सीसी टीवी कैमरे और धर्मकांटों को भी तैनात किया गया है। ताकि खदान से ही वाहनों में ओवरलोड बालू लादकर न निकाली जा सके लेकिन खदानों के संचालक और खनिज विभाग तथा जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारियों की तिकड़ी के साथ सांठगांठ के चलते वह मनमाने तरीके से खदान से बालू लादकर वाहनों को सड़क पर चलने के लिए छोड़ देते हैं। जिससे न केवल सरकार के नियम कानूनों पर बट्टा लगता बल्कि सरकार की छवि भी खराब होती है। लगभग एक माह से उपर चल रहे इस नए सत्र के व्यापार में जिले के अंदर लगभग एक दर्जन खदानें तेजी से कारोबार को सड़क पर उतारकर बाजारी व्यापार में जुट गई है। कई खदान संचालक बालू के व्यापार को सड़क पर उतारने की तैयारी के लिए मार्ग व अन्य व्यवस्थाओं के निर्माण में जुट गए हैं। जुमा-जुमा कुछ ही दिन पहले पीडब्ल्यूडी द्वारा गड्ढ़ा मुक्त के नाम पर सड़कों का मरम्मतीकरण कराया गया था। कई सड़कों के गड्ढ़े भरे जाने का नाटक किया गया था। कई सड़कों में काला केमिकल और पतली गिट्टी डालकर लेपन कराकर उन्हें चिकना बना दिया गया था। लाखों करोड़ों रुपया खर्चकरने के बाद बनाई गई इन्हीं सड़कों में निकलने वाले ओवरलोड वाहनों के कारण फिर जहां सड़कें टूट रही हैं। वहीं गड्ढ़ों की भरमार भी धीरे-धीरे बढ़ रही है। शुरू किए गए सत्र के बालू कारोबार में शहर मुख्यालय से लगभग दस-15 किमी. दूर केन की खनिज खदानों से बालू निकालकर धड़ल्ले से नियमों को धता बताकर कारोबार को अंजाम देने में बालू कारोबारी जुट गए हैं।

गौरतलब और गंभीर पहलू यह है कि अधिकांशतः खदानों की बालू शहर मुख्यालय के अंदर की सड़कों से बाहर की ओर रवाना होती है। जिससे शहर क्षेत्र की सड़कें खराब हो रही हैं। और सरकार के बनाए नियम और नीतियों सहित सरकारी छवि पर धक्का लग रहा है। ओवरलोड बालू लदे वाहनों को देखकर नरैनी, तिंदवारी, चिल्ला, बिसंडा, अतर्रा रोड के डगरोही देख करके कई प्रकार के सवाल उठाते हुए मुख्यतः आरोप लगाते कहते हैं कि यह सब काम जिम्मेदार सरकारी महकमे में बैठे अधिकारियों की मिलीभगत के कारण हो रहा है। वैसे तो जिला सीमा में बहने वाली केन, बागेन और यमुना से कई खनिज खदानें संचालित हैं लेकिन शहर मुख्यालय से लगभग दस किमी. दूर स्थित केन की कई खनिज खदानों द्वारा ओवरलोड वाहनों में बालू लादकर सड़कों की ओर आपूर्ति किए जाने का गोरखधंधा तेज हो गया है।

खनिज खदान अछरौड़ खादर खंड संख्या-1 से निकलने वाले वाहनों में ओवरलोड बालू लादकर निकाले जाने की चर्चा में ग्राम अछरौड़ सहित आसपास के कई गांव व पुरवों के लोग बताते हैं कि खनिज खदान से ही ओवरलोड ट्रक भरकर निकाले जाते हैं। खंड संख्या-1 में किए जाने वाले दो नंबर के काम पर तमाम आरोपों को लगाते बालू से लदे वाहनों की धमाचौकड़ी से त्रस्त ग्रामीणों का कहना है कि जब खदान में धर्मकांटा व सीसी टीवी कैमरे लगे हैं और उनकी मानीटरिंग करने के लिए लखनउ से लगाकर बांदा तक में जिम्मेदार अधिकारी बैठे हैं तो फिर खदान से ही वाहन में ओवरलोड बालू लादकर सड़कों तक पहुंचाने का दुस्साहस बालू कारोबारी कैसे कर लेते हैं। गांव के इन भोले-भाले इन ग्रामीणों की नजर में भी नियम विपरीत चलाए जा रहे बालू के इस व्यापार में कहीं न कहीं दाल में काला बताया जाता है। कुछ लोगों का तो कहना है कि पूरी दाल ही काली है। अछरौड़ खनिज खदान के अगलबगल भी कई खनिज खदानें केन नदी सं संचालित हैं जिनमें भी यह ओवरलोड का मर्ज जारी है। वर्ना जब खनिज खदानों में सीसी टीवी कैमरे व धर्मकांटा लगे हैं तो ओवरलोड माल वाहनों में लदकर सड़कों से व्यापार के मुकाम तक कैसे पहुंच रहा है। यह सवाल इन दिनों सुर्खियों में है।

Related Tags :
Similar Posts