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कानपुर देहात: जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए बागियों के आगे भाजपा नतमस्तक
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कानपुर देहात: जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए बागियों के आगे भाजपा नतमस्तक

Swadesh Lucknow
|
15 May 2021 8:40 AM IST

जिला पंचायत 32 में से भाजपा को केवल भले ही 4 सीटें मिली हो लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा से बनने की संभावना प्रबल हो गई है।

कानपुर देहात। जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए कानपुर देहात में सरगर्मी काफी तेज है जिला पंचायत 32 में से भाजपा को केवल भले ही 4 सीटें मिली हो लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष भाजपा से बनने की संभावना प्रबल हो गई है।

अकबरपुर रनिया के सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने अध्यक्ष पद के लिए अपनी बागी बहू को बनाने के लिए युद्ध स्तर पर मोर्चाबंदी किए हुए हैं बागियों के आगे नतमस्तक भाजपा जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिये चुनाव की तैयारी के बीच भाजपा को अपने दल से जीते सदस्यों में किसी एक को चुनना टेढी खीर साबित हो रहा है हाल यह है कि भाजपा नेतृत्व को प्रत्याशी चयन से पहले भाजपा से बागी होकर लडें लोगों के आगे नतमस्तक होना पड़ रहा है।

कोई विकल्प न होने की स्थित में भाजपा बागी सदस्य पर ही अपना दांव खेल सकती है। भाजपा सूत्रो की माने तो जिले के कदावर भाजपा नेता इस मुहिम में सबसे आगे है अपनी बहू को टिकट दिलाने के लिये दिन रात एक किये हुये है। यही नहीं टिकट के साथ जिला पंचायत सदस्यों के प्रमाण पत्र एकत्र कर लखनऊ में लगातार प्रदेश नेतृत्व के संपर्क में हैं एवं मुख्यमंत्री का आशीर्वाद भी सांसद जी को लगातार मिल रहा है।

कुछ भी हो भाजपा की जीते मात्र चार सदस्यों मे अभी तक किसी ने भी अध्यक्ष के लिये दावेदारी नही की है जिससे इस कयास को बल मिल रहा है कि भाजपा अपने बागी पर ही दांव लगा सकती है।

दूसरी तरफ सपा से पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राम सिंह यादव पर दांव खेला है और अपना प्रत्याशी घोषित किया है। कुल 12 सदस्यों के साथ साझा नम्बरों के हिसाब से सबसे आगे है यही नही पूर्व मुख्य मंत्री अखिलेश यादव भी कानपुर देहात जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर नजर गढायें हुये है। लेकिन सपा में भी कई जिला पंचायत सदस्य भाजपा के बागी सदस्यों के संपर्क में है जिनकी संख्या चार से पांच बताई जा रही है।

सबसे बुरे हाल बसपा के है कहने को तो बसपा के 6 सदस्यों जीते है लेकिन नेतृत्व से लेकर जिलाध्यक्ष तक को नहीं पता है कि कितने सदस्य चुनाव जितने के बाद पार्टी में बचे है एक सदस्य तो खुलेआम एक सम्भावित प्रत्याशी के साथ घूम घूम कर वोट एकत्र करने का काम कर रहे है।

बसपा का प्रदर्शन ठीक होने के बाद भी बसपा के अधिकतर सदस्य बागी प्रत्याशी के साथ घूम रहे हैं बसपा के कई सदस्यों के प्रमाण पत्र भाजपा के बडे नेताओ के पास पहुंच गये है।

बसपा की इस दुर्दशा पर मूल बसपाईयों ने वर्तमान संगठन के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है कुल मिला भले ही भाजपा 4 सदस्यों की पार्टी हो लेकिन जिला पंचायत अध्यक्ष की कुर्सी भाजपा के पास जाती दिख रही है।

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