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अंबेडकरनगर में खाकी की छीछालेदर: हंगामे के बाद मुकदमा दर्ज, प्रभारी के साथ पूरी स्वाट टीम निलंबित
AmbedkarNagar
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अंबेडकरनगर में खाकी की छीछालेदर: हंगामे के बाद मुकदमा दर्ज, प्रभारी के साथ पूरी स्वाट टीम निलंबित

Swadesh Lucknow
|
27 March 2021 4:22 PM IST

पीएम हाउस से लेकर कोतवाली तक घण्टों हंगामा होता रहा। उनकी मांग आरोपी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी भी थी।

अम्बेडकरनगर, स्वदेश संवाद। पुलिस कस्टडी में पड़ोसी जिले के युवक की मौत ने खाकी के दामन को न सिर्फ दागदार किया है बल्कि छीछालेदर भी खूब हो रही है।इसी के साथ मित्र पुलिस का बदसूरत और भद्दा चेहरा भी सामने आया है। यद्यपि मामले में स्वाट टीम प्रभारी और उनके हमराही सिपाहियों के विरुद्ध देर रात गम्भीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। जिसके बाद सभी को निलंबित भी कर दिया गया है।

हंगामे के बाद दर्ज हुआ था मुकदमा

यह मुकदमा मृतक के भाई की तहरीर पर अकबरपुर कोतवाली में बड़ी जद्दोजहद के बाद दर्ज हुआ है। बताया गया कि तहरीर देने के बाद मुकदमा दर्ज करने में आनाकानी पर नाराज परिजनों ने रात पोस्टमार्टम के बाद शव लेने से इनकार कर दिया था। परिजनों ने सीधे तौर पर कहा था जब तक मुकदमा दर्ज नही हो जाता वे हम शव नहीं लेंगे। इसी बीच एआईएमआईएम पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी अपने साथियों के साथ पहुँच गए। फिर पीएम हाउस से लेकर कोतवाली तक घण्टों हंगामा होता रहा। उनकी मांग आरोपी पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी भी थी। मौके पर पहुँचे अपर पुलिस अधीक्षक ने जब मुकदमा दर्ज करवा दिया तब लोग शांत हुए। अपर पुलिस अधीक्षक ने साक्ष्य के आधार पर विधिक कार्यवाही का भरोसा भी दिलाया। इसी क्रम में घटना सामने आने के बाद लाइन हाजिर की गई स्वाट टीम के सभी कर्मियों को पुलिस अधीक्षक ने देर रात निलंबित भी कर दिया।

मोटी रकम लेकर भी दी प्रताड़ना

उल्लेखनीय है कि जिले की स्वाट टीम ने आजमगढ़ जनपद के पवई थाना क्षेत्र के हाजीपुर निवासी जियाउद्दीन पुत्र अलाउद्दीन को उठाया था। यह कार्रवाई अम्बेडकरनगर जिले के जैतपुर थाना क्षेत्र में माहभर पहले हुई लूट के आरोपित से संबंध होने की आशंका में हुई थी। फिर उसे गंभीरावस्था में जिला अस्पताल भर्ती कराया था जहां कुछ ही देर बाद उसकी मौत हो गई थी। जिसके बाद एसपी आलोक प्रियदर्शी ने प्रभारी देवेंद्र सिंह और आरक्षी हरिकेश यादव समेत सात सदस्यीय स्वाट टीम को लाइन हाजिर किया था,जिन्हें अब एफआईआर होने के बाद निलम्बित भी कर दिया। उधर परिजनों का आरोप है की जियाउद्दीन को छोड़ने के लिए स्वाट टीम ने मोटी रकम भी ली थी। इसके बाद भी इतनी प्रताड़ना की कि उसकी जान ही चली गई।

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