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गठबंधन की वजह से यूपी उपचुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच सीटों में अटका मामला, दिल्ली दरबार में होगा फैसला
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गठबंधन की वजह से यूपी उपचुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच सीटों में अटका मामला, दिल्ली दरबार में होगा फैसला

Swadesh Writer
|
11 Aug 2024 7:59 PM IST

यूपी में होने वाले उपचुनाव में सपा और कांग्रेस के बीच सीटों को लेकर मामला फंस गया है। क्योंकि कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने यूपी में गठबंधन के साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया है।

यूपी में अभी हाल ही में चुनाव आयोग ने 10 सीटों पर उपचुनाव कराने का फैसला ले लिया है। जिसमें से सपा और कांग्रेस के बीच सीटों के बंटवारें को लेकर मामला फंस गया है। अभी हाल ही में हुई कांग्रेस की बैठक में उन्होंने यह कहा कि हम उन पांच सीटों पर लड़ेंगे जहाँ एनडीए के प्रत्याशी खड़े होंगे। क्योंकि उनका कहना है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है इसीलिए उन्हें उपचुनाव में भी उसी फॉर्मूले को अपनाना होगा। यही नहीं चर्चा इस बात की भी हो रही है कि समाजवादी पार्टी कांग्रेस को सिर्फ दो से चार सीटें ही देना चाहती है। फिलहाल इस मामले पर अभी कोई फैसला नहीं हुआ है। और ये मामला दिल्ली तक पहुँच गया है। उम्मीद यही है कि जल्द से जल्द इसका निपटारा भी हो जायेगा।


कांग्रेस और सपा सीट को लेकर क्या सोच रहे

यूपी में होने वाले उपचुनाव में कांग्रेस और सपा ज्यादा से ज्यादा अपना प्रदर्शन दिखाना चाह रही है। इसीलिए कांग्रेस एनडीए और बीजेपी के विधायकों से टक्कर लेने का सोच रही है। कांग्रेस आगे आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी अपनी रणनीति बना रही है। वहीं अगर बात समाजवादी पार्टी की, की जाये तो वो सभी 10 सीटों पर अपनी मौजूदगी दाखिल करना चाह रही है। लेकिन अभी सपा के वरिष्ठ नेता ने बात करते हुए बताया कि सीटों का नेतृत्व केंद्र की तरफ से किया जाएगा। लेकिन हमारे गठबंधन का बस यही उद्देश्य है कि सभी 10 सीटों पर पर बीजेपी और एनडीए को हरा दे। सीटें चाहे जिसके हिस्से में आये समर्थन दोनों पार्टियों की तरफ से रहेगा।

कांग्रेस को करना पड़ सकता है समझौता

यूपी की सियासत के वरिष्ठ जानकारों का कहना है कि जिन 10 सीटों पर उपचुनाव होने है उसमें से 5 सीटें तो पहले से समाजवादी पार्टी की ही रहीं है। बाकी एक सीट मीरपुर की है जो आरएलडी गठबंधन के साथ सपा को मिली है बाकी बची 4 सीटें जो कांग्रेस को मिल सकती है। उनका ये भी कहना है कि लोकसभा चुनाव की ही तरह एक बार फिर कांग्रेस को ही यूपी में समझौता करना पड़ेगा। और अगर कांग्रेस बराबर या उससे ज्यादा की सीटें मांगती है तो इस चुनाव में भारी टकराव की स्थति पैदा हो जाएगी।

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