< Back
लखनऊ
जाकिर नाइक, पीएफआई और सिमी असली किरदार, खुफिया एजेंसियां इस्लामिक कट्टरपंथी से तलाश रहीं छांगुर का कनेक्शन
लखनऊ

अवैध मतांतरण: जाकिर नाइक, पीएफआई और सिमी असली किरदार, खुफिया एजेंसियां इस्लामिक कट्टरपंथी से तलाश रहीं छांगुर का कनेक्शन

Rashmi Dubey
|
21 July 2025 10:24 PM IST

पड़ताल : कट्टरपंथी मौलाना से जुड़ी संस्थाओं को अपनी रडार पर लेगा ईडी

लखनऊ। बलरामपुर में छांगुर बाबा प्रकरण और आगरा में अवैध मतांतरण का नेटवर्क सामने आने के बाद खुफिया एजेंसी और ज्यादा सचेत हो गई हैं। सूत्रों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में अवैध मतांतरण के तार कट्टरपंथी जाकिर नाइक से जुड़ रहे हैं। खुफिया एजेंसियां इस्लामिक कट्टरपंथी जाकिर नाइक से जुड़ी संस्थाओं को भी अपनी रडार पर ले चुकी हैं। ईडी संस्थाओं की पड़ताल कर रही है। जाकिर नाइक मतांतरण का मास्टरमाइंड रहा है और उसे काफी समय से खुफिया एजेंसी तलाश रही हैं।

जाकिर नाइक से जुड़ी कई कंपनियां उत्तर प्रदेश में मतांतरण कराने वाले गिरोह को विदेश से फंडिंग कर रही हैं। केंद्रीय खुफिया एजेंसियों के साथ ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जल्द ही इस मामले में जांच शुरू कर सकता है। अवैध मतांतरण गिरोह को विदेशी फंडिंग दिलाने में स्टूडेंट इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) और प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के कुछ सदस्यों की अहम भूमिका है।

पिछले दिनों अवैध मतांतरण के आरोप में गिरफ्तार किए गए जलालुद्दीन उर्फ छांगुर को विदेशी संस्थाओं से फंडिंग की जा रही है। एटीएस की जांच में इसके पुख्ता सबूत मिले हैं।

मलेशिया में बना रखा है ठिकाना : अलबत्ता छांगुर गिरोह से जुड़े सदस्यों के बैंक खातों में 100 करोड़ रुपये से अधिक की विदेशी फंडिंग का राजफाश होने के बाद एटीएस और ईडी के अलावा केंद्रीय खुफिया एजेंसियों ने भी अंदरखाने इसकी जांच शुरू कर दी है। नेपाल सीमा पर आयकर विभाग की जांच में भी कई मदरसों और धार्मिक स्थलों के लिए दक्षिण भारतीय राज्यों से भी फंडिंग की जानकारी सामने आ चुकी है।

इसकी रिपोर्ट केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेजी जा चुकी है। जाकिर नाइक मतांतरण के लिए जाना जाता है। इसलिए उसने भारत छोड़कर मलेशिया में अपना ठिकाना बना रखा है। एटीएस के एक अधिकारी का कहना है कि अब तक सामने आए मतांतरण के हर गिरोह को फंडिंग विदेशों से ही होती मिली है। ये सभी लोग देश विरोधी गतिविधियों में लिप्त रहे है। इनकी संस्थाएं अमेरिका, कनाडा, दुबई, पाकिस्तान समेत कई अन्य देशों में है।

वीडियो संदेश के जरिए लोगों का ब्रेनवाश

मतांतरण गिरोह के सदस्यों से की गई पूछताछ में यह बात भी सामने आई कि गिरोह इंटरनेट मीडिया पर वीडियो के जरिए लोगों का ब्रेनवाश करता था। गिरोह के सदस्यों ने इसी प्रकार का एक वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित किया था।

इसमें कहा गया है कि 'वक्त की फिक्र कर नादां, मुसीबत आने वाली है। तेरी बर्बादियों के मशवरे हैं आसमानों में, न समझोगे तो मिट जाओगे ए हिंदुस्तान वालों, तुम्हारी दास्तां तक भी न होगी दास्तानों में।' गिरोह इस प्रकार के गीत वाले वीडियो बनाकर भारत को इस्लामिक राष्ट्र बनाने के लिए लोगों को तैयार कर रहा था। साथ ही, दलील देता था कि भारत में बुत परस्ती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

Similar Posts