< Back
लखनऊ
अखिलेश ने डॉ.आंबेडकर का नाम मिटाया, योगी ने घर-घर पहुंचाया, एमएलसी डॉ.लालजी प्रसाद निर्मल ने खोला सपा मुखिया का आंबेडकरविरोधी चिट्ठा…
लखनऊ

लखनऊ: अखिलेश ने डॉ.आंबेडकर का नाम मिटाया, योगी ने घर-घर पहुंचाया, एमएलसी डॉ.लालजी प्रसाद 'निर्मल' ने खोला सपा मुखिया का आंबेडकरविरोधी चिट्ठा…

Swadesh Digital
|
9 Jan 2025 5:02 PM IST

लखनऊ। डॉ.भीमराव आंबेडकर के प्रति समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के दृष्टिकोण में बड़ा अंतर है। जहां अखिलेश यादव ने अपने शासनकाल में डॉ.आंबेडकर के नाम को योजनाओं और स्थलों से हटाने का कार्य किया, वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहब को घर-घर तक पहुंचाने और उनके विचारों को जन-जन तक प्रचारित करने का कार्य किया।

यह विचार गुरुवार को वीवीआईपी अतिथि गृह (साकेत) में हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में विधान परिषद सदस्य, उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम के पूर्व अध्यक्ष एवं प्रख्यात अंबेडकरवादी विचारक डॉ.लालजी प्रसाद निर्मल ने व्यक्त किए।

डॉ.निर्मल ने अखिलेश यादव को डॉ.आंबेडकर विरोधी बताते हुए कहा कि उनके शासनकाल (2012-2017) में बाबा साहब के नाम को योजनाओं और संस्थानों से हटाना प्राथमिक कार्यों में शामिल रहा। उन्होंने उदाहरण देते हुए गिनाया कि अखिलेश यादव ने आंबेडकर ग्राम विकास योजना से 'डॉ.आंबेडकर' का नाम हटाया था। लखनऊ के डॉ.आंबेडकर हरित उद्यान का नाम बदलकर जनेश्वर मिश्र पार्क कर दिया।

रामपुर के डॉ.आंबेडकर तारामंडल से बाबा साहब का नाम विलोपित किया। डॉ.आंबेडकर मेडिकल कॉलेज, कन्नौज का नाम बदल दिया। अंतरराष्ट्रीय बस अड्डा, लखनऊ से बाबा साहब का नाम हटाकर उसे आलमबाग बस अड्डा कर दिया गया। भीमनगर (संभल) का नाम विलोपित किया। रमाबाई आंबेडकर नगर (कानपुर देहात) से रमाबाई का नाम हटाकर इसे सामान्य नाम दे दिया गया। डॉ.निर्मल ने इसे अखिलेश यादव की अंबेडकर विरोधी सोच का प्रमाण बताया।

डॉ.निर्मल ने बताया कि योगी आदित्यनाथ ने डॉ.आंबेडकर को घर-घर पहुंचाया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहब को सम्मान देने और उनके विचारों को प्रचारित करने का कार्य प्राथमिकता से किया। दिसंबर 2017 में योगी सरकार ने सभी सरकारी कार्यालयों में डॉ.आंबेडकर की तस्वीर लगाना अनिवार्य किया। कन्नौज मेडिकल कॉलेज का नाम पुनः डॉ.आंबेडकर मेडिकल कॉलेज कर दिया।

लखनऊ के ऐशबाग में भारत रत्न डॉ.आंबेडकर स्मारक एवं सांस्कृतिक केंद्र का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें एक भव्य प्रेक्षागृह, पुस्तकालय, अतिथि गृह, और शोध केंद्र शामिल हैं। इसी स्मारक में डॉ.आंबेडकर की 25 फीट ऊंची भव्य कांस्य प्रतिमा स्थापित की गई है।

डॉ.निर्मल ने कहा कि अखिलेश यादव ने जहां बाबा साहब के नाम को मिटाने का काम किया। वहीं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाबा साहब को घर-घर तक पहुंचाने और उन्हें सम्मानित करने का कार्य किया। योगी आदित्यनाथ आज के दलित मित्र हैं, जिन्होंने डॉ.आंबेडकर के विचारों को पुनः स्थापित किया।

Similar Posts