< Back
अयोध्या
अयोध्या पर्व में प्रदर्शित हुई रामनगरी की चौरासी कोसी सांस्कृतिक सीमा
अयोध्या

अयोध्या पर्व में प्रदर्शित हुई रामनगरी की चौरासी कोसी सांस्कृतिक सीमा

Swadesh Lucknow
|
6 April 2021 11:22 PM IST

रामनगरी की सांस्कृतिक सीमा को प्रदर्शित करती 84 कोसी परिक्रमा पथ, पौराणिक स्थलो की प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने किया.

अयोध्या/ दिल्ली (ओम प्रकाश सिंह): अयोध्या की महत्ता दर्शाने के लिए दिल्ली में अयोध्या पर्व मनाया जा रहा है. रामनगरी की सांस्कृतिक सीमा को प्रदर्शित करती 84 कोसी परिक्रमा पथ, पौराणिक स्थलो की प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि केन्द्रीय मंत्री नितिन गड़करी ने किया. उन्होंने 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के राष्ट्रीय राजमार्ग होने का श्रेय अयोध्या सांसद लल्लू सिंह को दिया.

केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि जब सांसद लल्लू सिंह ने 84 कोसी परिक्रमा का प्रस्ताव दिया था तब अधिकारियों ने इसके निर्माण में कई दिक्कतें बताई थी. सांसद की इच्छा को देखते हुए मुझे अधिकारियों से कहना पड़ा कि मंत्री मै हूं अथवा आप. इसका प्रस्ताव बनना चाहिए. आज इस काम की शुरुवात हो गयी है.उन्होने कहा कि अयोध्या के 84 कोसी परिक्रमा पथ को राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया जा चुका है.

राष्ट्रीय राजमार्ग के रुप में निर्माण होगा तथा सम्पूर्ण मार्ग का सौन्दर्यीकरण के साथ जगह जगह यात्री सुविधा केन्द्र बनेंगे. मार्ग के निर्माण में सरयू नदी पर स्थित मूर्तियन व शेरवा घाट पर दो पुल का निर्माण किया जायेगा. पूरे निर्माण में 3000 करोड़ का खर्च आयेगा. इसके साथ में अयोध्या से राम वन गमन मार्ग मध्य प्रदेश तक बनाया जा रहा है. अयोध्या से रामजानकी मार्ग व अयोध्या से बनारस को जोड़ने वाले मार्ग का निर्माण हो रहा है.


अयोध्या से प्रयागराज मार्ग बन चुका है. अयोध्या से लखनऊ राजमार्ग का सौन्दर्यीकरण किया जायेगा. इसके साथ में अयोध्या से रामपुर 90 किमी मार्ग का निर्माण, 1250 करोड़ की निर्माण से अयोध्या मे रिंग रोड़ का निर्माण किया जायेगा. लखनऊ से अयोध्या तक सड़क का सौन्दयीकरण किया जा रहा है. पूरे काम को लेकर धन की कमी नहीं आयेगी. जब मै रोम गया था तो यहां से एक प्रेरणा मिली थी. उन्होने धार्मिक सिटी के पुराने निर्माण को हटाकर एक वर्ल्ड क्लास सिटी बनायी थी. आज अयोध्या भी उसी तरह से वर्ल्ड क्लास सिटी बनने की ओर अग्रसर है.

उन्होने कहा कि जब मै जलशक्ति मंत्री था तो अयोध्या में सरयू पर वैराज बनाने का प्रस्ताव दिया था. जिससे घाटों पर हर समय पानी उपलब्ध रहता. इसके साथ में सरयू तट पर वाटर शों में लेजर के माध्यम से 3 घंटे में रामायण दिखाई जाती जो विभिन्न भाषाओं में उपलब्ध रहती. अभी इसको अमल में आने में कुछ समस्याएं है. कार्यक्रम के दौरान संत परम्परा पर आयोजित पुस्तक मिली राम मोदियाई का उद्घाटन भी किया गया.

सांसद लल्लू सिंह ने कहा कि अयोध्या के आध्यात्मिक, सांस्कृतिक महत्व के साथ रामराज्य की अवधारणा को विश्व के समक्ष आयोजन के माध्यम से रखा गया है. रामनगरी की 84 कोसी सांस्कृतिक सीमा पर आने वाली ऋषि मुनियों की तपोस्थली व राम के पूर्वजों के विषय में आज की पीढ़ी जान सके तथा इनके उपर रिसर्च हो यह आयोजन का उद्देश्य है. 84 कोसी परिक्रमा पथ के विकसित होने से यहां के लोगो को रोजगार मिलेगा.

इस अवसर पर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चम्पतराय, मणिरामदास छावनी के उत्तराधिकारी महंत कमलनयनदास, वरिष्ठ पत्रकार इंदिरागांधी राष्ट्रीय के कला केन्द्र व अयोजन समिति के अध्यक्ष रामबहादुर राय, पत्रकार उमेश सिंह मौजूद थे.

Similar Posts