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23 या 24 अप्रैल कब है वरुथिनी एकादशी? यहां दूर कर लें कन्फ्यूजन
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Varuthini Ekadashi 2025 Date: 23 या 24 अप्रैल कब है वरुथिनी एकादशी? यहां दूर कर लें कन्फ्यूजन

Jagdeesh Kumar
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23 April 2025 7:52 AM IST

Mohini Ekadashi 2025 Date: सनातन धर्म में एकादशी का बड़ा महत्व है। प्रत्येक मास की तरह वैशाख के महीने में भी दो एकादशी पड़ती हैं। पहली कृष्ण पक्ष में आने वाली एकादशी वरुथिनी एकादशी कहा जाता है। जबकि शुक्ल पक्ष की एकादशी को मोहनी एकादशी। मान्यता है कि एकादशी का व्रत को करने से घर में सुख समृद्धि बनी रहती है। इसके साथ ही वरुथिनी एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति को सभी पापों से मुक्ति मिलती है। आइए जानते हैं वरुथिनी एकादशी कब है?

कब है वरुथिनी एकादशी?

हिंदू कैलेंडर के अनुसार वैशाख माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि का प्रारंभ कल यानी 23 अप्रैल को शाम 4 बजकर 44 मिनट पर होगा। वहीं, इसका समापन 24 अप्रैल को दोपहर में 2 बजकर 31 मिनट पर होगा। ऐसे में उदयातिथि के अनुसार वरुथिनी एकादशी का व्रत 24 अप्रैल को किया जाएगा।

वरुथिनी एकादशी का शुभ मुहूर्त और पारण

एकादशी तिथि वाले पूरे दिन पूजा का शुभ मुहूर्त है। इसके अलावा बात करें वरूथिनी एकादशी व्रत पारण 25 अप्रैल को किया जाएगा। इस दिन व्रत का पारण करने का शुभ मुहूर्त 25 अप्रैल की प्रात: 05 बजकर 46 मिनट से लेकर 08 बजकर 23 मिनट तक है।

वरुथिनी एकादशी व्रत की पूजा विधि

1. एकादशी तिथि यानी 24 अप्रैल के दिन प्रातः ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।

2. फिर घर के पूजा स्थान को गंगाजल या साफ जल से शुद्ध करें।

3. भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति स्थापित करें।

4. इसके बाद सबसे पहले दीप जलाएं और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप करें।

5. भगवान विष्णु की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।

6. चंदन, अक्षत, फूल अर्पित करें। और तुलसी पत्र चढ़ाएं (यह अत्यंत प्रिय है भगवान विष्णु को)।

7. फिर भगवान को फलाहार, मिष्ठान्न या मीठे का भोग लगाएं।

8. विष्णु सहस्त्रनाम, विष्णु स्तोत्र या गीता का पाठ करें और अंत में आरती करें।

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