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सुनीता विलियम्स विदिशा वाली…
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पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा के साथ सुनीता: सुनीता विलियम्स विदिशा वाली…

Swadesh Digital
|
21 March 2025 11:44 AM IST

अनुराग उपाध्याय, भोपाल: पृथ्वी पर वापसी के बाद भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अभी चिकित्सकों की निगरानी में हैं। इसके बाद हो सकता है कि वे भारत आने पर विदिशा जरूर आएं।

वे विदिशा आकर वह स्थान देखना चाहती हैं, जहां उनके पुरखे रहा करते थे। वर्ष 2013 में भारत दौरे के समय विदिशा के लोगों से मुलाकात कर उन्होंने अगली बार विदिशा आने का वादा किया था। विदिशा के लोग उन्हें अपनी बेटी ही मानते हैं।

विदिशा के अंदरकिला मोहल्ले में सुनीता विलियम्स के पुरखे रहा करते थे। उनके परदादा नर्मदा शंकर पांडे का जन्म बृजलाल पांडे के यहां हुआ था। नर्मदा शंकर पांडे जब आठ साल के थे और उनकी बहन सरस्वती देवी छह साल की थीं, तब वे अपने पिता बृजलाल पांडे और माँ के साथ 1890 में धार्मिक समारोह में काशी गए। अचानक वहां बीमारी फैलने से बृजलाल पांडे और उनकी पत्नी का निधन हो गया।

बृजलाल ने अपने निधन से पहले ही वे जिस आश्रम में थे वहां उन्होंने अपने बेटे नर्मदाशंकर और पुत्री सरस्वती को अपने भाई शिवलाल पांडे के पास भेजने का आग्रह किया था। बृजलाल पांडे के बड़े भाई शिवलाल रेलवे के बड़े अधिकारी थे, लेकिन बीमारी के दौर में अफरा-तफरी का माहौल था।

आश्रम के साधु-संत दोनों बच्चों को विदिशा लाने की बजाए गुजरात के मेहसाणा के झुलसाणा ले गए। इस तरह पांडे परिवार विदिशा से गुजरात पहुंच गया। गुजरात में नर्मदाशंकर पांडे मंदिर में पुजारी हो गए। उसके बाद शिक्षित होकर उन्होंने नौकरी की और गुजरात और महाराष्ट्र में रहे।

झुलसाणा में ही 1932 में उनके पुत्र दीपक का जन्म हुआ। बाद में दीपक चर्चित तंत्रिका विज्ञानी चिकित्सक डॉ. दीपक एन. पांड्या के रूप में पहचाने गए। डॉ. दीपक पंड्या ही सुनीता विलियम्स के पिता थे, लेकिन वे कभी विदिशा नहीं आए।

विदिशा में सुनीता विलियम्स के पुरखों का पड़ोसी रहा शास्त्री परिवार अब भी विदिशा में है। धर्माधिकारी गोविन्द प्रसाद शास्त्री ने पांडे परिवार से संबंधित पुराने दस्तावेज भी जुटाए। कांग्रेस नेता व पूर्व सांसद प्रतापभानु शर्मा ने स्वदेश से चर्चा में बताया कि अक्टूबर 2013 में जब सुनीता भारत आईं थीं, तब भारत सरकार की अनुमति लेकर मुंबई में इन दस्तावेजों के साथ उनसे मुलाकात हुई और उन्हें उनके पुरखों के बारे में बताया।

वे अपने पुरखों के बारे में जानकर खुश हुईं वो विदिशा में आकर उस जगह को देखना चाहती थीं, जहां कभी उनके दादा-परदादा रहा करते थे। उनकी उसी समय विदिशा आने की इच्छा थी, लेकिन उस समय उनका विदिशा आना टल गया। अब जब सुनीता विलियम्स सकुशल पृथ्वी पर आ गई हैं, ऐसे में उम्मीद है कि स्वस्थ होने के बाद वे अपने अगले मिशन से पहले भारत जरूर आएंगी और भारत आएंगी तो विदिशा उनकी सूची में पहले से दर्ज होगा।

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