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सावन का पहला सोमवार आज, जानिए जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व
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Sawan Somwar 2025: सावन का पहला सोमवार आज, जानिए जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और महत्व

Jagdeesh Kumar
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14 July 2025 7:15 AM IST

सनातन धर्म में सावन मास भगवान शिव को समर्पित है। इस पूरे महीने भक्त पूजा, व्रत और अभिषेक का बड़ा महत्व है। मान्यता है कि अगर शुभ समय में आप संकल्प लेकर नियमपूर्वक साधना करें तो मानसिक शांति मिलेगी साथ आत्मिक विकास भी होता है। ऐसे में आइए जानते हैं इस पवित्र महीने में पूजन विधि और उसका धार्मिक महत्व और विशेष उपाय के बारे में विस्तार से…

जलाभिषेक का शुभ मुहूर्त

वैसे तो प्रात:काल ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रदोष काल तक भगवान शिव की पूजा की जा सकती है, लेकिन जलाभिषेक के लिए विशेष मुहूर्त इस प्रकार है…

  • ब्रह्म मुहूर्त - सुबह 4 बजकर 15 मिनट से लेकर 5 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजे से लेकर 12 बजकर 50 मिनट तक

सावन सोमवार की पूजन विधि

  • इस दिन प्रातःकाल स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • शिवलिंग की पूजा के लिए मंदिर जाएं या घर पर शिवलिंग स्थापित करके श्रद्धा और नियम से पूजन करें।
  • शिवलिंग का अभिषेक जल, दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल से करना चाहिए।
  • इसके बाद बेलपत्र, सफेद पुष्प, धतूरा, आक, अक्षत और भस्म अर्पित करें।
  • भगवान भोलेनाथ को सफेद मिठाई का भोग लगाएं और तीन बार ताली बजाते हुए उनका नाम स्मरण करें।

सावन सोमवार का धार्मिक महत्व

सावन सोमवार को लेकर मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा करने से वैवाहिक जीवन की सारी परेशानियां दूर हो जाती हैं। कुंवारी कन्याएं इस व्रत को श्रध्दा पूर्वक करती हैं और मनचाहे वर को पाने की इच्छा जताती हैं। कहा जाता है कि इस व्रत को करने से संतान और जीवनसाथी की सारी समस्याएं दूर हो जाती हैं। इस व्रत को करने से नकारात्मक ऊर्जा, रोग और दरिद्रता भी दूर होती है।

सावन सोमवार के विशेष उपाय

  1. सुबह स्नान करके साफ वस्त्र पहनने और पास के शिव मंदिर में जाने से जीवन में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि आने लगती है।
  2. ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का जप करते हुए विवाह होने की प्रार्थना करें। यह उपाय विवाह योग को प्रबल करता है।
  3. मंदिर परिसर की साफ-सफाई करने से आरोग्यता, मानसिक संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  4. आप मनचाहा और योग्य जीवनसाथी चाहते हैं तो प्रातः गंगाजल डालकर उस पानी से स्नान करें।
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