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कौन हैं संजीव सचदेवा? जो बने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश
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New Chief Justice Sanjeev Sachdeva: कौन हैं संजीव सचदेवा? जो बने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश

Jagdeesh Kumar
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15 July 2025 9:42 AM IST

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक संजीव सचदेवा जबलपुर हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस बने हैं।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट को नया मुख्य न्यायाधीश मिल गया है। केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक संजीव सचदेवा जबलपुर हाईकोर्ट के नए चीफ जस्टिस बने हैं। 24 मई 2025 के बाद से संजीव कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश (Acting Chief Justice) के रुप में काम कर रहे थे, अब उनकी स्थायी नियुक्ति कर दी गई है। वो पूर्व चीफ जस्टिस सुरेश कुमार कैत की जगह लेगें।

हाईकोर्ट में 19 जज के पद खाली

मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधीश संजीव के अलावा जज के लिए जस्टिस विवेक कुमार सिंह की नियुक्ति हुई है। जो कि अभी मद्रास हाईकोर्ट में कार्यरत्त हैं। इस प्रकार जबलपुर हाईकोर्ट में कुल 34 जज हो गए हैं। हाईकोर्ट में कुल स्वीकृत जजों की संख्या 53 है, ऐसे में अभी भी जबलपुर हाईकोर्ट में 19 जजों के पद खाली हैं।

कौन हैं संजीव सचदेवा?

संजीव सचदेवा मूल रूप से दिल्ली हाईकोर्ट के जज थे। मध्य प्रदेश के हाईकोर्ट में उनका तबादला 30 मई 2024 को किया गया था। 9 जुलाई 2024 से 24 सितंबर 2024 तक कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के पद पर कार्य कर चुके हैं। संजीव सचदेवा का जन्म 26 दिसंबर 1964 को दिल्ली में हुआ था।

तीन - तीन विषयों से स्नातक हैं जस्टिस संजीव सचदेवा

  • 1982 में दिल्ली पब्लिक स्कूल, मथुरा रोड, नई दिल्ली से वाणिज्य में स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
  • 1985 में श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स, दिल्ली विश्वविद्यालय से वाणिज्य स्नातक (ऑनर्स कोर्स) में
  • स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 1988 में दिल्ली विश्वविद्यालय के कैंपस लॉ सेंटर से विधि स्नातक की उपाधि प्राप्त की।
  • 01 अगस्त, 1988 को दिल्ली बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में नामांकित हुए।

1995 में बने थे वकील

जून 1995 में भारत के सर्वोच्च न्यायालय में वकील के रूप कार्य शुरू किया। इसी साल उन्हें एडवोकेट्स ऑन रिकॉर्ड परीक्षा में दूसरा पुरस्कार मिला था। 20 साल के बाद 18 मार्च 2015 को स्थायी न्यायाधीश के रूप में पदोन्नत हुए। इसके पहले 17 अप्रैल, 2013 से दिल्ली उच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में भी काम किया था।

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