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बांग्लादेश के सत्ताधीशों ने उगला जहर, शेख हसीना की बातों को बताया झूठा और मनगढ़ंत, हिंसा पर चुप्पी बरकरार

बांग्लादेश के सत्ताधीशों ने उगला जहर, शेख हसीना की बातों को बताया झूठा और मनगढ़ंत

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Sheikh Hasina: बांग्लादेश के सत्ताधीशों ने उगला जहर, शेख हसीना की बातों को बताया झूठा और मनगढ़ंत, हिंसा पर चुप्पी बरकरार

Gurjeet Kaur
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6 Feb 2025 8:24 PM IST

नई दिल्ली। लगातार हिंसा का सामना कर रहे अल्पसंख्यक नागरिकों और हिंसक भीड़ की गतिविधियों पर बांग्लादेश सरकार मौन है लेकिन शेख हसीना की बातों को लेकर ढाका के सत्ताधीश काफी चौकन्ना हैं। शेख हसीना ने बीते दिनों बांग्लादेश में हो रही गतिविधियों पर टिप्पणी की थी अब बांग्लादेश विदेश मंत्रायल ने भारत के सामने उनके बयानों का कड़ा विरोध किया है। बांग्लादेश का कहना है कि, शेख हसीना की बातें झूठी और मनगढ़ंत हैं।

बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने फेसबुक पोस्ट में कहा, "बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना द्वारा बांग्लादेश में अस्थिरता को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया सहित विभिन्न प्लेटफार्मों पर लगातार की जा रही झूठी और मनगढ़ंत टिप्पणियों और बयानों पर भारत सरकार के समक्ष कड़ा विरोध दर्ज कराया है।"

"ढाका में भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त को सौंपे गए विरोध पत्र के माध्यम से मंत्रालय ने बांग्लादेश सरकार की गहरी चिंता, निराशा और गंभीर आपत्ति व्यक्त की, क्योंकि इस तरह के बयान बांग्लादेश में लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं.... मंत्रालय ने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी ऐसी गतिविधियों को बांग्लादेश के प्रति शत्रुतापूर्ण कृत्य माना जाता है और यह दोनों देशों के बीच स्वस्थ संबंध स्थापित करने के प्रयासों के लिए अनुकूल नहीं है।"

"बांग्लादेश विदेश मंत्रालय ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह आपसी सम्मान और समझ की भावना से तुरंत उचित कदम उठाए, ताकि उन्हें भारत में रहने के दौरान सोशल मीडिया और अन्य संचार माध्यमों का उपयोग करके इस तरह के झूठे, मनगढ़ंत और भड़काऊ बयान देने से रोका जा सके।"

बता दें कि, हिंसक प्रदर्शन के बाद से शेख हसीना भारत में हैं। ढाका की कमान मोहम्मद यूनुस की कार्यवाहक सरकार के हाथों में है। शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग ढाका द्वारा की गई है। शेख हसीना द्वारा दिए गए बयानों को लेकर भी ढाका ने कई बार आपत्ति जताई है। दुःख की बात यह है कि, मोहम्मद यूनुस की कार्यवाहक सरकार अल्पसंखयक और मुख्य रूप से हिन्दुओं पर हो रही हिंसा को लेकर मौन है।

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