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भारत के शिकंजे में आया 26/11 का साजिशकर्ता तहव्वुर राणा, मोदी ने ट्रम्प को कहा- शुक्रिया!
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आतंक पर बड़ा एक्शन: भारत के शिकंजे में आया 26/11 का साजिशकर्ता तहव्वुर राणा, मोदी ने ट्रम्प को कहा- शुक्रिया!

Swadesh Digital
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14 Feb 2025 6:18 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच 13 फरवरी को हुई बैठक में एक अहम मुद्दा उठा - पाकिस्तानी बिजनेसमैन तहव्वुर राणा का भारत प्रत्यर्पण। ट्रम्प ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में राणा को “दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक” करार देते हुए कहा कि उनकी सरकार ने उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। वहीं, पीएम मोदी ने ट्रम्प का आभार जताते हुए कहा कि मुंबई हमलों के आरोपी को न्याय के कटघरे में लाने की यह बड़ी सफलता है।

कौन है तहव्वुर राणा?

तहव्वुर हुसैन राणा पाकिस्तान में जन्मा और बाद में कनाडा की नागरिकता प्राप्त करने वाला व्यक्ति है। उसने पाकिस्तानी सेना में डॉक्टर के रूप में एक दशक से अधिक समय तक काम किया था।

राणा शिकागो में इमिग्रेशन से जुड़ा व्यापार करता था और मुंबई हमले के मास्टरमाइंड डेविड हेडली का करीबी सहयोगी था। उसके खिलाफ आरोप है कि उसने हेडली को मुंबई हमले की योजना बनाने और भारतीय स्थलों की रेकी करने में मदद की थी।

मुंबई हमलों में तहव्वुर राणा की भूमिका

राणा ने शिकागो में "फर्स्ट वर्ल्ड इमिग्रेशन सर्विसेज" नाम से एक कंपनी चलाई, जिसका उपयोग मुंबई हमले की साजिश में किया गया। इस कंपनी के जरिए उसने हेडली को भारत में घुसने और हमले के संभावित ठिकानों की रेकी करने में मदद की। हेडली ने भारत में पांच बार यात्रा की और उन्हीं जानकारियों के आधार पर 26/11 का हमला हुआ।

कैसे रची गई मुंबई हमले की साजिश?

1997 में सेना की नौकरी छोड़ने के बाद राणा अपनी पत्नी के साथ कनाडा चला गया और 2001 में वहां की नागरिकता हासिल कर ली। बाद में वह अमेरिका के शिकागो में बस गया और वहां इमिग्रेशन कंपनी चलाने लगा।

इसी दौरान वह पुराने दोस्त डेविड हेडली के साथ मिलकर लश्कर-ए-तैयबा के लिए काम करने लगा। बताया जाता है कि राणा खुद भी मुंबई आया था और उसी ताजमहल होटल में ठहरा था, जिस पर बाद में आतंकी हमला हुआ।

अमेरिका में गिरफ्तार हुआ था राणा

2009 में अमेरिकी एजेंसियों ने राणा को गिरफ्तार किया। हालांकि, अमेरिकी अदालत ने उसे मुंबई हमलों के लिए दोषी नहीं माना, लेकिन डेनमार्क में आतंकी गतिविधियों का समर्थन करने के आरोप में उसे 14 साल की सजा सुनाई गई। तब से वह शिकागो की जेल में बंद था।

अब भारत में होगा तहव्वुर राणा पर मुकदमा

ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले के बाद अब तहव्वुर राणा भारत लाया जाएगा, जहां उस पर मुंबई हमलों में संलिप्तता, आतंकवादी गतिविधियों में सहयोग और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने जैसे गंभीर आरोपों में मुकदमा चलेगा।

ट्रम्प और मोदी के बयान

डोनाल्ड ट्रम्प:

"मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि हमने दुनिया के सबसे बुरे लोगों में से एक को भारत को सौंपने का फैसला किया है। अब वह भारत में न्याय का सामना करेगा।"

नरेंद्र मोदी:

"मुंबई आतंकी हमले के आरोपी को भारत प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया को तेज करने के लिए मैं राष्ट्रपति ट्रम्प का आभार व्यक्त करता हूं।"

आतंक के खिलाफ भारत की बड़ी जीत

तहव्वुर राणा का भारत आना 26/11 के पीड़ितों को न्याय दिलाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। अमेरिका द्वारा उसके प्रत्यर्पण को मंजूरी देना भारत की कूटनीतिक जीत भी है। अब देखना यह होगा कि राणा के खिलाफ भारत में होने वाली जांच से क्या नए खुलासे सामने आते हैं और कौन-कौन इसके दायरे में आता है।

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