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दुर्ग में अस्पताल की लापरवाही, बच्चों की अदला-बदली का मामला डीएनए से सुलझा
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Durg News: दुर्ग में अस्पताल की लापरवाही, बच्चों की अदला-बदली का मामला डीएनए से सुलझा

Deeksha Mehra
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9 Feb 2025 9:43 AM IST

छत्तीसगढ़। दुर्ग जिला अस्पताल के शिशु वार्ड में बच्चों की अदला-बदली का एक चौकाने वाला मामला सामने आया, जिसे अब डीएनए टेस्ट के जरिए सुलझा लिया गया है। 23 जनवरी को हुई इस घटना में दो नवजात बच्चों की अदला-बदली हो गई थी, जो अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण हुआ। 31 जनवरी को यह मामला उजागर हुआ और तब से ही अधिकारियों ने इस पर कार्रवाई शुरू की।

डीएनए टेस्ट से हुआ सत्य का खुलासा

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, 6 फरवरी को दुर्ग कलेक्टर और CWC के निर्देश पर बच्चों का डीएनए टेस्ट कराया गया। शनिवार, 8 फरवरी को डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट सामने आई, जिसमें बच्चों की अदला-बदली की पुष्टि हुई। इसके बाद, दोनों परिवारों को उनके वास्तविक बच्चों को सौंप दिया गया। शबाना को साधना का बच्चा सौंपा गया और साधना को शबाना का बच्चा।

अस्पताल की लापरवाही पर सवाल उठाए

साधना के पति शैलेंद्र सिंह ने कहा, "जो बच्चा हमारे पास था, वह हमारा खून था। यह लापरवाही अस्पताल प्रबंधन की थी।" शबाना के जेठ मोहम्मद अशरफ कुरैशी ने भी कहा, "हमारा बच्चा अब हमारे पास है। हम कलेक्टर और जिला प्रशासन को धन्यवाद देते हैं कि इस धोखे का पर्दाफाश किया गया।" इस पूरे मामले में बच्चों के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही पर नाराजगी जताई और कहा कि ऐसे हादसे की पुनरावृत्ति नहीं होनी चाहिए।

जिला प्रशासन की कार्रवाई

इस मामले के बाद जिला प्रशासन ने जांच समिति का गठन किया है और अब इस मामले में आगे की कार्रवाई की जाएगी। सिविल सर्जन हेमंत साहू ने कहा, "हमने दो दिनों के अंदर डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट खोली और जैविक माता-पिता की पहचान की। दोनों परिवारों को उनके बच्चे सौंप दिए गए हैं।" नोडल अधिकारी एम भार्गव ने कहा कि इस मामले में दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

ये है पूरा मामला

दरअसल, बीते 23 जनवरी को दुर्ग जिला अस्पताल के मदर चाइल्ड यूनिट में भर्ती शबाना कुरैशी और साधना सिंह दोनों ने बच्चों को जन्म दिया था। अस्पताल के स्टाफ ने बच्चे को नहलाने के बाद शबाना का बच्चा साधना को और साधना का बच्चा शबाना को सौंप दिया था। 3 दिन बाद जब शबाना डिस्चार्ज होकर घर पहुंची और बच्चे को नहलाते समय देखा तो साधना सिंह के नाम का चिट बच्चे के हाथ पर लगा हुआ था।

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