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नई दिल्ली
अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को बड़ी राहत लेकिन जांच रहेगी जारी
नई दिल्ली

सुप्रीम कोर्ट: अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान को बड़ी राहत लेकिन जांच रहेगी जारी

Deeksha Mehra
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21 May 2025 12:36 PM IST

Professor Ali Khan FB post on Operation Sindoor : नई दिल्ली। अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई करते हुए राहत दे दी हैं। सुप्रीम कोर्ट ने गिरफ्तार प्रोफेसर को जमानत दे दी है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने जांच पर रोक लगाने से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश देते हुए यह भी कहा कि, अभिव्यक्ति की आजादी है लेकिन अभी ही टिप्पणी क्यों। कोर्ट ने हरियाणा पुलिस को तीन सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) गठन करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने प्रोफेसर को चेतावनी दी कि वे इस मामले या हाल के आतंकी हमलों पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगे।

सिब्बल बोले- यह अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में

प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने सुप्रीम कोर्ट में दलीलें पेश कीं। सिब्बल ने कहा कि प्रोफेसर की सोशल मीडिया पोस्ट पूरी तरह देशभक्ति से भरी थी, जिसमें उन्होंने युद्ध के दुष्परिणामों और नागरिकों की पीड़ा पर ध्यान खींचा था।

उन्होंने कहा, “पोस्ट में कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह की प्रशंसा की गई थी, लेकिन साथ ही यह भी कहा गया कि भीड़ द्वारा लिंचिंग और सांप्रदायिक हिंसा के शिकार लोगों को भी सुरक्षा मिलनी चाहिए।” सिब्बल ने जोर दिया कि पोस्ट में कोई आपराधिक मंशा नहीं थी और यह अभिव्यक्ति की आजादी के दायरे में थी।

जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने प्रोफेसर की पोस्ट की भाषा पर सवाल उठाए। जस्टिस सूर्यकांत ने पूछा, “ऐसे संवेदनशील समय में सस्ती लोकप्रियता क्यों बटोरनी? देश एक बड़े संकट से गुजरा है, जब आतंकियों ने हमला किया। ‘माया और संकेत’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों, जो ‘डॉग-व्हिस्लिंग’ की तरह लगता है?” कोर्ट ने कहा कि प्रोफेसर को अपनी बात सरल और सम्मानजनक शब्दों में कहनी चाहिए थी।

हरियाणा पुलिस को 24 घंटे में SIT गठन का आदेश

कोर्ट ने हरियाणा पुलिस को 24 घंटे में SIT गठन का आदेश दिया, जिसमें तीन IPS अधिकारी होंगे, जिनमें एक महिला अधिकारी शामिल होगी। ये अधिकारी हरियाणा या दिल्ली से नहीं होंगे। प्रोफेसर को अपना पासपोर्ट सोनीपत के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट (CJM) के पास जमा करना होगा और दोनों FIR के लिए एक ही बेल बॉन्ड जमा करना होगा। कोर्ट ने यह भी कहा कि SIT को जांच के दौरान अगर जरूरत पड़ी, तो वे प्रोफेसर की गिरफ्तारी के लिए कोर्ट में आवेदन कर सकते हैं।

प्रोफेसर महमूदाबाद को 18 मई को हरियाणा पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उनके खिलाफ दो FIR दर्ज की गई थीं, एक हरियाणा स्टेट वीमेन कमीशन की शिकायत पर और दूसरी BJP युवा मोर्चा के नेता योगेश जठेड़ी की शिकायत पर।

इनमें उन पर देश की एकता और अखंडता को खतरे में डालने और सांप्रदायिक वैमनस्य फैलाने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए थे। उनकी पोस्ट में ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में सैन्य कार्रवाई और सांप्रदायिक हिंसा पर टिप्पणी थी, जिसे कुछ लोगों ने आपत्तिजनक माना।


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