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नई दिल्ली
प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका ख़ारिज

Prajwal Revanna Sex Scandal

नई दिल्ली

Prajwal Revanna: प्रज्वल रेवन्ना को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ दायर याचिका ख़ारिज

Deeksha Mehra
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11 Nov 2024 12:49 PM IST

Prajwal Revanna Petition Dismissed : नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने बलात्कार और यौन शोषण के आरोपी जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना (Prajwal Revanna) की कर्नाटक उच्च न्यायालय (Karnataka High Court) द्वारा जमानत देने से इनकार करने के आदेश के खिलाफ लगाई गई याचिका को खारिज कर दिया।

हम कुछ नहीं कहेंगे

न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने संक्षिप्त सुनवाई के बाद याचिका खारिज कर दी। रेवन्ना की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि हालांकि आरोप गंभीर हैं, लेकिन शिकायत में बलात्कार का कोई विशेष आरोप नहीं है। रोहतगी ने कहा कि वे छह महीने बाद आवेदन कर सकते हैं, तो न्यायालय ने कहा, हम कुछ नहीं कहेंगे।

हाई कोर्ट ने दिया था ये फैसला

दरअसल, बीते दिन 21 अक्टूबर को निलंबित JD(S) नेता प्रज्वल रेवन्ना की जमानत याचिका को कर्नाटक हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था। प्रज्वल रेवन्ना ने 19 सितंबर को जमानत याचिका दायर की थी, जिस पर सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति एम नागप्रसन्ना की एकल पीठ ने 26 सितंबर को दो अग्रिम जमानत याचिकाओं पर आदेश सुरक्षित रखा गया था, जिसे 21 अक्टूबर को सार्वजनिक किया गया।

रेवन्ना के वकील वरिष्ठ अधिवक्ता प्रभुलिंग के. नवदगी ने तर्क किया था कि मामले में कोई ठोस आरोप नहीं हैं और शिकायत दर्ज करने में देरी के कारणों का कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया गया। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़िता की पहले से शिकायतें थीं और वह पहले अवैध रूप से घर से निकाले जाने की शिकायत लेकर पुलिस के पास गई थी।

फएसएल रिपोर्ट वीडियो से मेल नहीं खाती

हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान नवदगी ने आगे कहा कि शिकायत में कई असंगतताएँ हैं और यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या कथित कृत्य वीडियो में रिकॉर्ड किया गया था। उन्होंने कहा कि एफएसएल रिपोर्ट कथित वीडियो से मेल नहीं खाती। उन्होंने यह भी तर्क किया कि रेवन्ना के फोन से कोई वीडियो नहीं मिला और रेवन्ना के ड्राइवर के फोन से मिली तस्वीरें और वीडियो की जानकारी दी।

पीड़िता को रेवन्ना ने कई बार दी धमकी

पीड़िता की ओर से पेश विशेष लोक अभियोजक प्रोफेसर रविवर्मा कुमार ने कहा कि रेवन्ना के खिलाफ आरोप उनकी गिरफ्तारी के बाद से ही उभरे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़िता ने रेवन्ना के खिलाफ कई बार धमकी मिलने का जिक्र किया है।

रविवर्मा कुमार ने एफएसएल रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए कहा कि यह साबित करती है कि शिकायत के पीछे कोई सच्चाई है। उन्होंने यह भी कहा कि पीड़िता की पहचान के मामले में, वीडियो के आधार पर रेवन्ना की संलिप्तता स्पष्ट है। इस मामले में न्यायालय ने सभी पक्षों की दलीलों पर विचार करने के बाद जमानत याचिकाओं को खारिज कर दिया, और पुलिस को मामले की जांच जारी रखने का निर्देश दिया।

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