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कप्तान दफ्तर में ऐसा क्या हुआ कि, हरदोई एसपी नीरज कुमार जादौन को मांगनी पड़ी माफी...अब हो रही तारीफ

थाने में ऐसा क्या हुआ महिला के साथ कि, हरदोई एसपी को मांगनी पड़ी माफी...

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UP Police: कप्तान दफ्तर में ऐसा क्या हुआ कि, हरदोई एसपी नीरज कुमार जादौन को मांगनी पड़ी माफी...अब हो रही तारीफ

Gurjeet Kaur
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3 Dec 2024 9:50 AM IST

उत्तरप्रदेश। हरदोई एसपी नीरज कुमार जादौन की एक वीडियो बाइट सोशल मीडिया पर वायरल है। इस वीडियो में वे एक महिला से माफी मांगते नजर आ रहे हैं। एसपी को महिला से माफी मांगते देख एक सवाल उठ रहा है कि, आखिर कप्तान दफ्तर में ऐसा क्या हुआ था महिला के साथ कि, पुलिस को माफी मांगनी पड़ी।

यह पूरा मामला पुलिस की संवेदनहीनता से जुड़ा है। एक्सीडेंट में बुरी तरह घायल एक युवती के परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे थे। यहां एसपी दफ्तर में फरियाद लेकर पहुंची युवती और उसके परिजनों को खासा दिक्कत का सामना करना पड़ा।

एसपी से मिलने के बाद लौटते समय युवती और उसके परिजन लौट रहे थे। दफ्तर से कुछ दूरी पर गाड़ी खड़ी थी। हादसे में चोटिल युवती चल नहीं पा रही थी। इसके बाद परिजनों ने गेट पर खड़े पुलिस से वाले बाहर खड़ी गाड़ी को अंदर लाने देने की गुहार लगाई लेकिन पुलिस वाले ने कहा कि, साहब की गाड़ी आने वाली है इसलिए उनकी गाड़ी अंदर नहीं आ सकती।

पुलिस वाले के जवाब के बाद युवती और उसके परिजनों को खासा परेशानी का सामना करना पड़ा। घायल युवती के परिजन चादर में उसे लेकर थाने से बाहर खड़ी गाड़ी तक आए। यह मामला जब एसपी तक पहुंचा तो उन्होंने गलती मानते हुए युवती और उसके परिजनों से माफ़ी मांगी और कहा कि, ऐसी गलती दोबारा कभी रिपीट नहीं की जाएगी।

युवती का पैर था फैक्चर :

जानकारी के अनुसार एसपी ऑफिस में पहुंची युवती का पैर फैक्चर था। उसका भाई और वो जब बाइक पर जा रहे थे तो उनका एक्सीडेंट हो गया था। युवती पुलिस के पास कार्रवाई किए जाने की मांग को लेकर पहुंची थी। हरदोई एसपी ने माफ़ी मांगते हुए कहा कि, आगे से हरदोई पुलिस और संवेंदनशील बनेगी।

आईपीएस नीरज कुमार जादौन की हो रही तारीफ :

नीरज कुमार जादौन 2015 बैच के आईपीएस हैं। इस समय वे हरदोई जिले के SP हैं। आईपीएस जादौन ने सारी जिम्मेदारी अपने ऊपर लेते हुए सार्वजनिक रूप से माफी मांगी और जनता को भरोसा दिया कि आगे से ऐसा नहीं होगा। सामान्य रूप से ऐसे मामलों में अधिकारी पीड़ित पर FIR दर्ज करके जेल भेज देते हैं या ठेलकर किनारे करवा देते हैं। गलती हो जाए तो कभी मानते नहीं। ज्यादा बोला तो मुकदमा जेल उत्पीड़न अलग से लेकिन आईपीएस जादौन ने जो पहल की है, उसकी प्रशंसा होनी चाहिए। IPS जादौन ने खुद के सोशल मीडिया पर लिखा भी है "I am sorry"

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