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मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में दो जगह हुई थी भगदड़, स्थानीय लोगों ने बताई पूरी घटना, प्रशासन चुप
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महाकुंभ भगदड़: मौनी अमावस्या पर महाकुंभ में दो जगह हुई थी भगदड़, स्थानीय लोगों ने बताई पूरी घटना, प्रशासन चुप

Swadesh Editor
|
30 Jan 2025 10:30 PM IST

महाकुंभ भगदड़: मौनी अमावस्या वाले दिन न सिर्फ संगम घाट के पास बल्कि सेक्टर 21 में भी मची थी भगदड़।

महाकुंभ भगदड़: प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या के दिन 29 जनवरी को रात 1 बजे एक बड़ी भगदड़ मची, जिसमें सरकारी आंकड़ों के अनुसार 30 लोगों की मौत हुई। इसके कुछ समय बाद, महावीर मार्ग, सेक्टर 21, खाक चौक पर दूसरी बार भगदड़ की घटना घटी। लेकिन इस घटना पर प्रशासन की तरफ से फिलाहल कोई बयान नहीं दिया गया है। लेकिन वहां के माहौल और मलबे को देखकर ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि महाकुंभ की दूसरी भगदड़ कितनी दर्दनाक थी।

कैसे मची भगदड़?

मौनी अमावस्या के दिन संगम नोज पर स्नान करने के लिए लाखों की भीड़ जमा हो गई थी। रात 3 बजे तक चौराहे पर अपार भीड़ थी। यहां तक कि एक ओर से ढलान और अन्य तीन दिशाओं से रास्ते होने के बावजूद भीड़ अनियंत्रित हो गई। संगम नोज पर पहले से मौजूद भीड़ की वजह से श्रद्धालु एक-दूसरे के ऊपर चढ़ने लगे, जिससे अफरा-तफरी मच गई। इस भगदड़ में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल थे। एक महिला श्रद्धालु व्हीलचेयर पर थीं, जिन्हें भारी भीड़ के कारण काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई, स्थिति और भी भयावह होती गई।

प्रशासन की नाकामी

घटना के दौरान मौके पर मौजूद पुलिस बल नाकाफी साबित हुआ। केवल दो से तीन पुलिसकर्मी ही भीड़ को नियंत्रित करने पहुंचे, लेकिन वे असमर्थ रहे। हालात इस कदर बिगड़ गए कि स्थानीय हल्दीराम स्टोर के कर्मचारी श्रद्धालुओं के लिए देवदूत बन गए। स्टोर में शरण लेने वाले लोगों को स्टाफ ने पानी उपलब्ध कराया, लेकिन भीड़ की अधिकता के कारण पानी जल्द ही समाप्त हो गया। कर्मचारी गत्तों को फाड़-फाड़ कर लोगों को हवा देने लगे ताकि बेहोश होने वाले लोगों को राहत मिल सके।

भगदड़ के मलबे अभी तक बचे

भगदड़ के बाद घटनास्थल पर अब भी श्रद्धालुओं के जूते-चप्पल और कपड़े बिखरे पड़े हैं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लगभग 10 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में लोगों का सामान भरकर हटाया गया। कई श्रद्धालु घायल हुए, जबकि कुछ लोगों की मौत की भी आशंका जताई जा रही है। हालांकि, प्रशासन ने अभी तक इस संबंध में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं की है।

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