< Back
उत्तरप्रदेश
सिख विरोधी दंगों की SIT जांच पूरी, 40 लोगों पर आरोप तय; 127 लोगों की गई थी जान
Kanpur
उत्तरप्रदेश

सिख विरोधी दंगों की SIT जांच पूरी, 40 लोगों पर आरोप तय; 127 लोगों की गई थी जान

Swadesh Lucknow
|
19 July 2021 3:32 PM IST

इस मामले में एसआईटी ने 11 केसों की विवेचना पूरी कर ली है जिसमें 40 से अधिक आरोपियों की शिनाख्त हुई है।

विवेक द्विवेदी/कानपुर। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की हत्या के बाद शहर में सिख विरोधी दंगों की आग भड़क उठी थी। ढूंढ-ढूंढकर परिवारों पर कातिलाना हमले किए गए। इन दंगों में जहां तोड़फोड़, लूटपाट, आगजनी हुई वहीं 127 लोगों की जानें भी गई थी। उस दौरान पुलिस ने हत्याओं के मामले में लचर कार्रवाई की थी, फल स्वरुप शासन ने 2019 में इसकी जांच के लिए एसआईटी गठित की थी। इसके लिए कोतवाली में एसआईटी थाना भी बनाया गया। अब इस मामले में एसआईटी ने 11 केसों की विवेचना पूरी कर ली है जिसमें 40 से अधिक आरोपियों की शिनाख्त हुई है, इसमें नगर के पांच नामी वकीलों के खिलाफ भी आरोप तय किए गए हैं।

37 साल के बाद एसआईटी की जांच पूरी

सिख विरोधी दंगों के 37 साल बीत चुके हैं जिन परिवारों का सुहाग उजड़ा, बच्चे अनाथ हुए कई माताओं की गोद सूनी हो गई थी उस वीभत्स नरसंहार में पीड़ितों को न्याय नहीं मिल सका। पुलिस प्रशासन ने भी राजनीतिक दबाव के चलते लचर कार्रवाई की। जस्टिस रंगनाथ मिश्र आयोग ने दंगों की विस्तृत जांच की थी कुछ समय पूर्व एसआईटी ने गृह मंत्रालय से अनुमति लेकर आयोग से रिपोर्ट ली थी जिसमें कानपुर में हुए दंगों से संबंधित तमाम दस्तावेज मिले उसने तमाम आरोपियों एवं गवाहों के नाम पते दर्ज थे जिससे एसआईटी को उन आरोपियों तक पहुंचने में काफी मदद मिली लेकिन 37 वर्ष बीत जाने पर कई चिन्हित आरोपितों की मौत हो चुकी है या कुछ 75 साल से ऊपर के हो गए हैं, एक या दो आरोपी कैंसर जैसी बीमारी से पीड़ित बताए गए हैं।

जल्द सार्वजनिक होंगे आरोपियों के नाम

ज्ञात हो कि इस मामले में पुलिस ने 28 केसों में फाइनल रिपोर्ट लगाकर चार्ज शीट दायर की थी उनमें से एसआईटी ने 20 केसों की फाइल खोली है जिसमें 11 केसों की विवेचना पूरी हो गई है इन सभी केसों में 40 से अधिक आरोपी है इनमे पांच आरोपी तो ऐसे हैं जो उस समय के नामी वकील थे जो तत्कालीन सत्ताधारी नेताओं से संपर्क में थे। एसआईटी ने सभी के खिलाफ साक्ष्य जुटा लिए हैं केवल गिरफ्तारी बाकी है शासन से मंजूरी मिलने के बाद सभी के नाम सार्वजनिक हो जाएंगे और गिरफ्तारियां भी शुरू हो जाएंगी।

Similar Posts