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उत्तरप्रदेश
कप्तान नीरज जादौन ने डीएसपी समेत अन्य जवानों को पछाड़ा, डिप्टी एसपी सिटी तो कतई पिछड़ गए
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हरदोई: कप्तान नीरज जादौन ने डीएसपी समेत अन्य जवानों को पछाड़ा, डिप्टी एसपी सिटी तो कतई 'पिछड़' गए

Swadesh Editor
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31 Jan 2025 8:45 PM IST

हरदोई: जानिए ऐसा क्या हुआ कि मातहत बोले स्पीड बढ़वाइए आरआई साहब...पीछे वाले आ गए सब जानने के लिए क्लिक करें।

बृजेश 'कबीर'/ हरदोई: जनपद के पुलिस अधीक्षक की आसंदी पर नीरज जादौन के विराजने के बाद 'फ्राइडे परेड' सभी के लिए कौतूहल का विषय हो चली है। पुलिस लाइन्स परेड ग्राउंड में शुक्रवार सुबह सवेरे होने वाली साप्ताहिक 'दण्ड-बैठक' और 'कदमताल' में 'कप्तान' फिजिकल 'इन्वॉल्व' दिखते हैं। कतारें जांचने में प्रायः किसी जवान की 'नब्ज़' टटोल कर 'नाड़ी वैद्य' से नज़र आते हैं, तो वर्दी जांचते हुए खुद ही अधीनस्थ को वर्दी का कायदा सिखाते हुए 'कायदे-ए-आजम' प्रतीत होते हैं। परेड पर 'बाज़ नज़र' होती है जादौन की।

एक बिन्दु पर खड़े हुए बहुत दूर हुई गड़बड़ी पर चेता देते हैं। चेताते ही नहीं, आगे जाकर 'सिखाते' भी हैं। इस शुक्रवार, अलग ही नजारा दिखा। अधीनस्थों की दौड़ में इंडियन पुलिस सर्विस का यह 'निराला' अफसर पलों में 'पीटी ऊषा' हुआ दिखा। इतना ही नहीं, जारी वीडियो में वह बोलते हैं, स्पीड बढ़वाइए आरआई साहब... पीछे वाले आ गए सब? ... मुड़कर देखा, क्षेत्राधिकारी (नगर) अंकित मिश्रा बहुत पिछड़ चुके थे। इस 'दौड़' से 'डंडा फटकार महकमा'... 'कायदा सिखाओ' महकमे की राह पर जाता दिखता है। पुलिस अधीक्षक नीरज जादौन की इस दौड़ की महकमे से बाहर भी खासी चर्चा रही। ...और चर्चा का क्या ही है, उनकी आमद के बाद विभाग की 'करतूतों' पर उन्होंने जिस तरह नियंत्रण किया और 'सर्विस रूल' से इतर आचरण पर बिना देरी जरूरत मुताबिक 'सोंटा' फटकारा। उससे पब्लिक में पुलिसिंग का इकबाल कायम हुआ है, एसपी ऑफिस में रोज की गैदरिंग से ऐसा स्पष्ट भी है।

हालांकि, 'नीट एंड क्लीन' जैसा अभी पूरे तौर पर नहीं है और ये मुमकिन भी नहीं। कहा जाता है, ईमानदारी का बोझ कोई अफसर देर तक कंधों पर नहीं ढो सकता। लेकिन, जादौन संतुलन साधते नज़र आते हैं, यथाशक्ति। एसपी जब स्कूलों में बच्चों के बीच जाते हैं, तो उनका दूसरा ही रूप देखने को मिलता है। वह 'गार्डियन' दिखने लगते हैं। बच्चियों को वह विशेष 'सूझबूझ-साहस-संबल-सहारा-सामर्थ्य' देते हैं। दृढ़ विश्वास से कहते हैं बच्चियों से, घर में या बाहर, या कहीं भी हो 'गलत' ...'मैं हूं ना।'

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