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पीड़िता ने अखिलेश यादव से की मुलाकात, भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाए गंभीर आरोप
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अयोध्या गैंगरेप केस: पीड़िता ने अखिलेश यादव से की मुलाकात, भाजपा कार्यकर्ताओं पर लगाए गंभीर आरोप

Swadesh Digital
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18 Sept 2024 5:08 PM IST

अयोध्या में राम मंदिर की सफाई करने वाली दलित लड़की के साथ गैंगरेप का मामला चर्चा में है। इस मामले में 9 आरोपियों को नामजद किया गया है, जिनमें से 5 की गिरफ्तारी हो चुकी है। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उसके साथ दरिंदगी की और अब एफआईआर वापस लेने का दबाव बना रहे हैं।

बुधवार को इस केस में एक नया मोड़ तब आया, जब पीड़िता समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव से लखनऊ में मुलाकात करने पहुंची। सपा नेता पवन पांडेय ने इस मुलाकात की व्यवस्था की। पीड़िता ने अखिलेश को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी और उनसे न्याय की गुहार लगाई। अखिलेश यादव ने पीड़िता को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया।

सपा कार्यालय से बाहर आकर पीड़िता ने मीडिया से बातचीत की। उसने बताया, "मैंने अखिलेश यादव को सब कुछ बता दिया है और उन्होंने मुझे मदद का भरोसा दिलाया है। मेरे साथ 16 से 25 अगस्त के बीच यह घटना हुई थी। जब मैं पुलिस के पास गई, तो महिला थाने की दरोगा ने मेरे साथ बुरा व्यवहार किया और गालियाँ देकर भगा दिया।"

पीड़िता ने आगे कहा, "बाद में जब मैं उच्च अधिकारियों के पास गई, तब जाकर एफआईआर दर्ज की गई। अब आरोपी मुझे झूठा साबित करने में लगे हैं और मुझ पर एफआईआर वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। मेरे माता-पिता पर भी दबाव डाला जा रहा है। आरोपियों ने कहा कि अपनी लड़की को समझाकर रखो, नहीं तो इज्जत नहीं बचेगी।"पीड़िता ने आरोप लगाया है कि इस घटना के आरोपी भाजपा कार्यकर्ता हैं और पुलिस उन्हें बचाने का प्रयास कर रही है।

मामले की तह में जाने पर पता चला कि मुख्य आरोपी के पिता अयोध्या महानगर के अनुसूचित जाति प्रकोष्ठ के अध्यक्ष रह चुके हैं और भाजपा में उनकी अच्छी पैठ है। घटना के बाद आरोपी के पिता कुछ स्थानीय नेताओं के साथ अयोध्या के एसएसपी राजकरण नैय्यर से मिले और अपने बेटे को निर्दोष बताते हुए मदद की मांग की। हालांकि, पुलिस ने अभी किसी तरह की मदद देने से इंकार कर दिया है और कहा कि विवेचना पूरी होने के बाद ही कोई निर्णय लिया जाएगा।

बता दें कि इस घटना ने राजनीतिक और सामाजिक दोनों मोर्चों पर हलचल मचा दी है। पीड़िता के आरोपों के बाद भाजपा कार्यकर्ताओं और पुलिस प्रशासन पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है ताकि दोषियों को सजा मिले और पीड़िता को न्याय।

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