< Back
अन्य
निकिता मामले में तौसिफ के खिलाफ कल एसआईटी दाखिल करेगी चार्जशीट, जानें उसमें क्या-क्या होगा
अन्य

निकिता मामले में तौसिफ के खिलाफ कल एसआईटी दाखिल करेगी चार्जशीट, जानें उसमें क्या-क्या होगा

Swadesh Digital
|
4 Nov 2020 11:51 AM IST

फरीदाबाद। निकिता तोमर हत्याकांड में एसआईटी (स्पेशन इनवेस्टिगेशन टीम) गुरुवार को अदालत में चार्जशीट दाखिल कर देगी। तीन घंटे तक एसआईटी के साथ बैठक करने के बाद पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने इस बारे में जानकारी साझा की है। पुलिस का दावा है कि आरोपियो के खिलाफ दोष सिद्ध करने के लिए चार्जशीट में वैज्ञानिक सबूत भी जुटाए गए हैं। पुलिस चार्जशीट को तैयार करने में जुटी हुई है।

निकिता हत्याकांड मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक अदालत में होनी है। इसकी वजह से पुलिस अदालत में जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल करना चाहती है। ताकि अदालत में मामले की सुनवाई जल्द शुरू हो सके। इसी के मद्देनजर मंगलवार को पुलिस पुलिस आयुक्त ओपी सिंह ने सेक्टर-21 स्थित अपने कार्यालय में एसआईटी के साथ बैठक की। बैठक में डीसीपी मुख्यालय अर्पित जैन, सहायक पुलिस आयुक्त आदर्शदीप सिंह, सहायक पुलिस आयुक्त अपराध अनिल यादव, सहायक पुलिस आयुक्त राजीव कुमार, अपराध जांच शाखा, डीएलएफ प्रभारी अनिल कुमार और कई जांच अधिकारी मौजूद थे।

करीब तीन घंटे तक चली इस बैठक में पुलिस द्वारा जुटाए गए सबूतों की समीक्षा की गई। उन्होंने एसआईटी द्वारा बताए गए सबूतों को अदालत में साबित करने के बारे में भी जानकारी मांगी। पुलिस आयुक्त ने एसआईटी को सभी तरह के पहलुओं को ध्यान में रखते हुए चार्जशीट तैयार करने का निर्देश दिया। इस दौरान सन् 2018 में निकिता को अगवा करने के मामले की भी चर्चा की गई। सूत्रों का कहना है कि इस मामले को भी चार्जशीट में जोड़ा जाएगा।

चार्जशीट में पुलिस तकनीकी और वैज्ञानिक सबूत भी शामिल करेगी। पुलिस के पास कई चश्मदीद गवाह हैं, जिन्होंने आरोपियों को पहचान लिया था। वहीं आरोपियों की कार और उसकी फॉरेंसिक जांच भी बड़ा सबूत है। ताकि साबित हो सके कि आरोपी ही गाड़ी को चला रहे थे। इस मामले की सीसीटीवी फुटेज भी एक अहम सबूत है।

मृतक निकिता तोमर के मामा और अधिवक्ता ऐदल सिंह रावत का कहना है कि पुलिस बारीकी से इस मामले की जांच कर रही है। इससे हलोग संतुष्ट हैं। चार्जशीट भी पुलिस जल्द से जल्द पेश करना चाहती है। यह भी अच्छा कदम है। हम तो सिर्फ यही चाहते हैं कि जल्दबाजी के चक्कर में जांच का कोई अहम तथ्य न छूट जाए। पुलिस तसल्ली से चार्जशीट पेश करे। बेशक दो-चार दिन ज्यादा लग जाएं।

Similar Posts