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अमरिंदर सरकार ने अपनी स्वयं की एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शुरू करने की घोषणा
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अमरिंदर सरकार ने अपनी स्वयं की एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शुरू करने की घोषणा

Swadesh Digital
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15 Oct 2020 2:01 PM IST

चंडीगढ़। पंजाब मंत्रिमंडल ने बुधवार को केंद्र की योजना के स्थान पर राज्य के लिए अपने स्वयं के अनुसूचित जाति पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना शुरू करने की मंजूरी दी है, ताकि छात्रों को सरकारी और निजी संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने की सुविधा मिल सके। एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने अनुसूचित जाति (एससी) के छात्रों की सुविधा के लिए आय मानदंड में 2.5 लाख रुपये से चार लाख रुपये तक की वृद्धि की घोषणा की।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में डॉ. बी. आर .अंबेडकर एससी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना को 2021-22 से प्रभावी करने की मंजूरी दी गई।

यह योजना अनुसूचित जाति से संबंधित उन लोगों पर लागू होगी, जिनका पंजाब में अधिवास है और उन्होंने पंजाब और चंडीगढ़ से दसवीं (मैट्रिक) की है।

पंजाब और चंडीगढ़ के सभी केंद्रीय, राज्य सरकार और निजी संस्थानों को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा।

इस प्रस्ताव के बाद राज्य सरकार पर इसका कुल वित्तीय बोझ 600 करोड़ रुपये का पड़ने का अनुमान है। इसमें से सरकारी संस्थानों की अस्थायी देनदारी लगभग 168 करोड़ रुपये होगी और शेष 432 करोड़ रुपये निजी शिक्षण संस्थानों और सरकार द्वारा वहन किए जाएंगे।

चूंकि संशोधित योजना में राज्य द्वारा निजी संस्थानों को 60 प्रतिशत की प्रतिपूर्ति की परिकल्पना की गई है, इसलिए इस खाते पर सरकार की देनदारी 432 करोड़ रुपये का 60 प्रतिशत होगी, यानी लगभग 260 करोड़ रुपये होगी।

यह योजना उन सैकड़ों-हजारों अनुसूचित जाति (एससी) छात्रों के लिए एक राहत की तरह होगी, जो 2018 में भारत सरकार की ओर से अचानक वापस ले ली गई थी और छात्र अपनी पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना से उच्च शिक्षा प्राप्त करने के अवसर से वंचित रह गए थे।

तब से ही यह छात्र राज्य केंद्र की योजना के तहत किसी भी अनुदान का लाभ उठाने में सक्षम नहीं है। एक आधिकारिक प्रवक्ता के अनुसार, संशोधित आय मानदंडों के अनुसार, नई योजना के तहत सहायता प्राप्त करने के लिए एक छात्र के लिए माता-पिता दोनों की संयुक्त आय 2.50 लाख रुपये से बढ़ाकर चार लाख रुपये कर दी गई है।

अनुसूचित जाति के छात्रों पर पाठ्यक्रम शुल्क का कोई बोझ नहीं होगा, जिन्हें मुफ्त शिक्षा प्रदान की जाएगी। योजना के शेष नियम और शर्तें भारत सरकार की पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति योजना 2018 के तहत पहले की तरह रहेंगी।

पंजाब में अनुसूचित जाति की आबादी 31.94 प्रतिशत है और इस श्रेणी के व्यक्ति आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े हैं। 2011 की जनगणना के अनुसार, पंजाब में एससी समुदाय की साक्षरता दर अन्य समुदायों के 75.9 प्रतिशत की तुलना में 68.4 प्रतिशत थी।

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