< Back
मध्यप्रदेश
15 हजार विद्यार्थियों को घटिया खाना परोस रहा था वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान
मध्यप्रदेश

15 हजार विद्यार्थियों को घटिया खाना परोस रहा था वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान

Swadesh Bhopal
|
2 Dec 2025 7:30 AM IST

निजी विवि विनियामक आयोग की रिपोर्ट पर उच्च शिक्षा विभाग का कुलाधिपति को नोटिस, छात्रों के बीमार होने पर बरती घोर लापरवाही

भोपाल। पिछले हफ्ते राजधानी के निकट सीहोर जिले में स्थित वेल्लोर प्रौद्योगिकी संस्थान (वीआईटी) विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों के उग्र प्रदर्शन की घटना पर मप्र निजी विवि विनियामक आयोग ने राज्य सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में आयोग ने माना कि वीआईटी विवि में 15000 छात्रों को घटिया खाना परोसा जा रहा था। इसकी वजह से बच्चे बीमार हो रहे थे। इलाज में विवि प्रबंधन की घोर लापरवाही सामने आई। विवि परिसर का माहौल तानाशाह के किले की तरह है, जहां विद्यार्थियों में भय का माहौल है। उन्हें हर स्तर पर डराया जाता था। अपने साथियों के बीमार होने, वार्डन एवं गार्ड द्वारा दुर्व्यवहार एवं मारपीट की घटना पर विद्यार्थियों का गुस्सा भड़का। दरअसल निजी विवि विनियामक आयोग ने वीआईटी विवि परिसर में 25 नवंबर की रात हुए उग्र प्रदर्शन एवं आगजनी की घटना पर 3 सदस्यीय जांच दल गठित किया था।

समिति ने प्रतिवेदन उच्च शिक्षा विभाग को सौंप दिया। इसके आधार पर वीआईटी विवि को कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब मांगा है। समिति ने स्वीकारा, लेकिन प्रबंधन ने 1 नवंबर से जानकारी नहीं दी। प्रबंधन बीमारी की बात को लीपापोती करने में जुटा है। सुविधाएं पर्याप्त नहीं हैं। क्लिनिकल स्टेब्लिशमेंट एक्ट में पंजीयन भी नहीं है। मेडिकल वेस्ट प्रबंधन का अभाव। पेयजल एवं अन्य जल संसाधनों का माइक्रोबॉयलॉजिकल ऑडिट का भी पालन नहीं किया गया।

तानाशाह के किले की तरह है विवि परिसर

समिति की प्रतिवेदन के अनुसार वीआईटी प्रबंधन ने विवि परिसर को तानाशाह के किले की तरह रखा है। चारदीवारी के भीतर प्रबंधन के स्वयं के कानून चलते हैं। तानाशाही का सबसे बड़ा उदाहरण यह है कि सीहोर जिले के सीएमएचओ को 2 घंटे तक परिसर के द्वार पर रोककर रखा। विद्यार्थियों ने समिति को शिकायत करने पर प्रताड़ित होने का खतरा बताया। अनुशासन के नाम पर आई-कार्ड जब्त करना, परीक्षा में शामिल नहीं होने देना, प्रायोगिक परीक्षा में कम अंक देने और फेल करने की धमकी दी जाती थी। विवि में भयपूर्ण अनुशासन स्थापित है। इस वजह से विद्यार्थियों में असंतोष बढ़ता रहा, प्रबंधन ने संतुष्ट करने कोई कदम नहीं उठाए। 25 नवंबर को स्थिति अनियंत्रित होने पर रात 2 बजे पुलिस को सूचित किया।

बच्चों की बीमारी को लीपापोती की तैयारी

छात्रावासों में मेस की सेवा अत्यंक असंतोषजनक है। मेस सचालित एजेंसियों पर प्रबंधन का कोई नियंत्रण नहीं। भोजन, जलपान की गुणवत्ता पर ज्यादातर छात्रावासियों की प्रतिक्रिया नकारात्मक है। छात्रों ने प्रबंधन को गंदे पानी की शिकायत की। 14 से 24 नवंबर के बीच 23 छात्र एवं 12 छात्राएं पीलिया से बीमार होने की बात को प्रबंधन ने कहा है कि वीआईटी विवि प्रबंधन का रवैया जांच में सहयोग का नहीं रहा। विवि की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता का अभाव दिखा। विवि में पूरी ताकत दो-तीन अधिकारियों पास है। बाकी अधिकारियों की भूमिका दिखावटी ही है। समिति ने माना कि दबाव के आधार पर स्थापित अनुशासन के खिलाफ विद्यार्थियों में गुस्सा पनपा।

Similar Posts