
विश्वरंग 2025: मुख्यमंत्री बोले-हमने अधिसत्ता नहीं, सदैव प्रभुसत्ता की भावना रखी
|दूसरे दिन सजी कला-संस्कृति की अनूठी रंगत
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अंतर्राष्ट्रीय साहित्य एवं कला महोत्सव विश्वरंग 2025 को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी संस्कृति ने अधिसत्ता नहीं, सदैव प्रभुसत्ता और लोक-बंधुत्व की भावना रखी है, जिससे भारतीय संस्कृति की दुनियाभर में विशिष्ट छाप बनी है।
रवींद्र भवन में आयोजित इस कार्यक्रम में डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश की सृजनात्मक और कलात्मक धरती हिन्दी भाषा और भारतीय संस्कृति को जोड़ने वाली सेतु बन गई है। हिन्दी भाषा सच्चे अर्थों में लोकभाषा है। भाषा और संस्कृति को एक-दूसरे का सहज पूरक बताते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृति भाषा को वह कथा-बीज देती है, जिनसे लोक-साहित्य लेकर अंतरराष्ट्रीय साहित्य जन्म लेता है और भाषा संस्कृति को वह अभिव्यक्ति देती है, जिससे परंपराएं पीढ़ियों तक सुरक्षित यात्रा कर पाती हैं। विश्वरंग में समाचार-पत्र, कला-संस्कृति एवं विज्ञान आधारित 7 अलग-अलग प्रदर्शनियां लगाई गईं।
डॉ. राकेश साहू की पुस्तक का विमोचन
टैगोर इंटरनेशनल साहित्य एवं कला महोत्सव में आज लेखक डॉ. राकेश साहू की बहुप्रतीक्षित पुस्तक I Too Have a Love Story का विमोचन किया गया। इस अवसर पर डॉ. वीना सिन्हा, अरुण कमल, लीलाधर मंडलोई एवं कुमार अनुपम जैसे प्रतिष्ठित साहित्यकार उपस्थित थे। इस दौरान साहित्यकारों ने कहा कि यह पुस्तक प्रेम, संवेदना और मानवीय रिश्तों की गहन परतों को बेहद सरल और भावनात्मक भाषा में उजागर करती है। यह पुस्तक पाठकों को भावनात्मक यात्रा पर ले जाती है और आधुनिक जीवन के संबंधों की जटिलता को बेहद प्रभावपूर्ण ढंग से प्रस्तुत करती है।
महोत्सव में 70 देशों के प्रतिनिधि शामिल
विश्वरंग फाउंडेशन के संस्थापक और रवीन्द्रनाथ टैगोर यूनिवर्सिटी के कुलाधिपति डॉ. संतोष चौबे ने विश्वरंग की विकास यात्रा से अवगत कराते हुए कहा कि इसमें 70 से अधिक देश सहभागिता कर रहे हैं। आयोजन में 1000 से अधिक अतिथि आए हैं। विश्वरंग में 100 से अधिक हिंदी पुस्तकों का विमोचन किया जाएगा। आयोजन में श्रीकृष्ण लीला मंचन भी आकर्षण का केंद्र है। यह आयोजन युवाओं के लिए कौशल विकास एवं रोजगार प्राप्त करने में भी सहभागी बन रहा है।
गूंजा सुरों का जादू, ‘द कलेक्टिव क्वायर’ ने बांधा समा
विश्वरंग के दूसरे दिन आयोजित कल्चर प्रोग-इवनिंग में संगीत प्रेमियों के लिए एक यादगार शाम देखने को मिली, जब गुजरात के पहले और इकलौते क्वायर बैंड ‘द कलेक्टिव क्वायर बाय कायर’ ने मंच संभाला। आमतौर पर 30 कलाकारों का यह भव्य समूह इस कार्यक्रम में अपनी विशेष 14 सदस्यीय टीम के साथ शामिल हुआ और अपनी दमदार प्रस्तुतियों से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। बहुमुखी गायकों से सजे इस समूह ने शादी समारोहों से लेकर कॉर्पोरेट इवेंट्स तक हर प्रकार के आयोजनों में अपनी विश्वस्तरीय प्रस्तुति से विशेष पहचान बनाई है।