
भोपाल में गूंजी दक्षिण भारतीय परंपराओं की अनूठी झंकार
|केरला फेस्ट 2025: कथकली-थेय्यम-फ्यूजन संगीत से सजा सांस्कृतिक महोत्सव
बिट्टन मार्केट दशहरा मैदान में चल रहे केरला फेस्ट 2025 ने अपने तीसरे दिन भी दर्शकों को दक्षिण भारतीय सांस्कृतिक विरासत के रंग में रंग दिया। शनिवार की भारी भीड़ ने कथकली, थेय्यम, फ्यूजन संगीत और लोकनृत्यों जैसी शानदार प्रस्तुतियों का आनंद लेते हुए महोत्सव को यादगार बना दिया।
महोत्सव के अध्यक्ष ओ.डी. जोसेफ ने बताया कि भोपाल के लोगों ने इस आयोजन को भरपूर सराहा है। हजारों दर्शक न केवल कला और संगीत का आनंद ले रहे हैं, बल्कि केरल की पारंपरिक संस्कृति को भी करीब से अनुभव कर रहे हैं।
शाम की शुरुआत अनुभूति ट्रूप की मधुर प्रस्तुति से हुई, जिसने हिंदी और मलयालम गीतों के सुंदर संगम से माहौल को जीवंत कर दिया। इसके बाद एम्स समूह द्वारा प्रस्तुत थेय्यम ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। विस्तृत मेकअप, भव्य परिधान और चेंडा-थालम की ताल ने उत्तर केरल की लोकभक्ति परंपरा को सजीव रूप में प्रस्तुत किया।
शाम का चरम आकर्षण रहा फ्यूजन म्यूजिक कॉन्सर्ट, जिसमें केरल के कलाकारों ने 70 प्रतिशत हिंदी और 30 प्रतिशत मलयालम लोकधुनों के साथ शास्त्रीय एवं आधुनिक वाद्यों का अनूठा मेल पेश किया। इसी क्रम में कलामंडलम सुकरमण और उनकी टीम ने कथकली का प्रदर्शन किया, जिसने पौराणिक कथाओं को नृत्य-नाट्य शैली में जीवंत कर दिया।
फूड फेस्ट और हस्तशिल्प स्टॉल दर्शकों के बीच विशेष आकर्षण बने रहे, जहाँ साद्या, स्नैक्स, आयुर्वेदिक उत्पाद और कोयर क्राफ्ट्स ने सबका ध्यान खींचा।