मध्यप्रदेश
BLO की मौत के बाद बदल सकती है एसआईआर सर्वे की व्यवस्था
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BLO की मौत के बाद बदल सकती है एसआईआर सर्वे की व्यवस्था

Swadesh Bhopal
|
24 Nov 2025 9:52 AM IST

बूथ पर बीएलओ, बीएलए घर-घर से जुटाएंगे फार्म!

मध्यप्रदेश में चल रहे मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) अभियान में ड्यूटी कर रहे बीएलओ की काम के दबाव के चलते मौत की खबर आने के बाद राजधानी सहित पूरे प्रदेश में एसआईआर प्रक्रिया में बदलाव संभव है। वितरित हो चुके शेष फार्म के संकलन के लिए बीएलओ की बूथों पर उपस्थिति अनिवार्य की जा सकती है। वहीं, प्रमुख राजनीतिक दलों के बीएलए और स्थानीय जनप्रतिनिधि घर-घर पहुंचकर लोगों के एसआईआर फार्म भरवाएंगे और उन्हें संकलित भी कराएंगे।

विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान के लक्ष्य को लेकर भारत निर्वाचन आयोग से मिली समय सीमा और सख्त निर्देशों के बाद कलेक्टर से एसडीएम तक लगातार बैठकें की जा रही हैं। एसडीएम हर दिन बीएलए और बीएलए सुपरवाइजर की बैठकें लेकर एक-एक बूथ पर एसआईआर फार्म ऑनलाइन किए जाने की समीक्षा कर रहे हैं। कुछ बीएलओ पर निलंबन जैसी कार्रवाई हुई है, तो कुछ को लक्ष्य का एक तिहाई फार्म भी ऑनलाइन नहीं किया जा सका।

भोपाल जिला प्रशासन ने सभी बीएलओ को प्रतिदिन 100 से 150 फार्म संकलित कर उन्हें ऑनलाइन करने का लक्ष्य दिया था। हालांकि अधिकारियों की देर-सवेर बैठकों और लोगों से कलेक्टर की ओर से जारी नोटिस के बावजूद बीएलओ खुद को भारी मानसिक दबाव में महसूस कर रहे हैं। हाल में हुई बीएलओ की मौत को इस दबाव से जोड़ा जा रहा है।

ठेके पर चल रहा फार्म ऑनलाइन का काम

प्रशासनिक दबाव में चल रहे कई बीएलओ सौ फार्म संकलित कर उन्हें स्वयं ऑनलाइन करने में असमर्थ रहे। कुछ बीएलओ ने लक्ष्य के अनुसार काम किया, लेकिन परिजनों और ठेका प्रक्रिया के सहयोग से। कई बीएलओ ने संकलित फार्म को ऑनलाइन करने का काम निजी ठेके पर दे रखा है और प्रति फार्म भुगतान अपनी जेब से कर रहे हैं। इससे उनका समय भी बचता है और मानसिक दबाव भी कम होता है।

महिला बीएलओ के साथ परिजन भी परेशान

एसआईआर में ड्यूटी कर रही कई महिला बीएलओ के परिजन भी परेशान हैं। सुबह घर के काम निपटाकर ड्यूटी पर जाने वाली महिला कर्मचारी को लगभग 10 बजे तक घर से निकलना पड़ता है। इसके अलावा कई महिला बीएलओ फार्म वितरण और संकलन के लिए अपने पति, बेटे या अन्य परिजनों को साथ लेकर चल रही हैं। दिन में सर्वर और नेटवर्क की परेशानी आ रही है, जबकि रात में बिना रुकावट फार्म ऑनलाइन किए जा पा रहे हैं।

विशेष गहन पुनरीक्षण कार्य में सायबर ठगों से बचाने दिया संदेश

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजीव कुमार झा ने कहा कि मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर-2026) के दौरान गणना पत्रक भरने के लिए बीएलओ या किसी अन्य अधिकारी द्वारा किसी भी माध्यम से ओटीपी मांगने की आवश्यकता नहीं है। मतदाता अपनी व्यक्तिगत जानकारी (जैसे स्वयं, माता-पिता या दादा-दादी संबंधी) अपने क्षेत्र के बीएलओ या नजदीकी हेल्पडेस्क से प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा जानकारी ऑनलाइन voters.eci.gov.in या ceo-election.mp.gov.in पर भी प्राप्त की जा सकती है।

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने मतदाताओं से अनुरोध किया है कि एसआईआर पत्रक भरते समय सुरक्षा उपायों का पालन करें और केवल आधिकारिक सरकारी वेबसाइट पर ही एसआईआर भरें।

साइबर ठग मांग सकते हैं ओटीपी

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि एसआईआर पूरी तरह निःशुल्क है। किसी भी प्रकार की फीस, प्रोसेसिंग चार्ज या भुगतान करने के लिए कहा जाने पर ध्यान दें—ऐसे संदेश या कॉल धोखाधड़ी हो सकते हैं। व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर मिले लिंक न खोलें। ‘आपका वोटर कार्ड रद्द हो जाएगा’, ‘तुरंत एसआईआर भरें’ जैसे संदेश फर्जी हो सकते हैं।

एसआईआर के लिए साइबर कैफे का उपयोग करते समय सतर्क रहें, ऑटो-सेव बंद रखें, और ओटीपी या व्यक्तिगत जानकारी किसी के साथ साझा न करें। एसआईआर प्रक्रिया में निर्वाचन विभाग या किसी अधिकारी द्वारा फोन/मैसेज पर ओटीपी, आधार नंबर, मोबाइल नंबर आदि मांगना प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है। यदि कोई इस तरह की जानकारी मांगता है, तो वह 'साइबर फ्रॉड कॉल' हो सकता है।

कार्य समाप्त होने पर ब्राउज़र इतिहास/कैश साफ करें और अनिवार्य रूप से लॉगआउट करें। किसी भी संदिग्ध कॉल, लिंक या गतिविधि की तुरंत रिपोर्ट राष्ट्रीय साइबर अपराध पोर्टल www.cybercrime.gov.in या हेल्पलाइन 1930 पर करें।

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