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मध्यप्रदेश
छात्राओं ने कहा - हमें जबरन बाइबल पढ़ने को कहा जाता था…
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खरगोन से सामने आया धर्मांतरण का मामला: छात्राओं ने कहा - हमें जबरन बाइबल पढ़ने को कहा जाता था…

Swadesh Digital
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29 Jan 2025 5:44 PM IST

खरगोन। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में स्थित एक आदिवासी बालिका छात्रावास में छात्राओं पर जबरन धार्मिक गतिविधियां थोपे जाने का मामला सामने आया है। छात्रावास की वार्डन पर बाइबल पढ़ने और प्रार्थना करने के लिए मजबूर करने के आरोप लगे हैं।

इसके विरोध में 15 से अधिक छात्राएं हॉस्टल छोड़कर अपने घर लौट गईं। मामला उजागर होने के बाद प्रशासन ने छात्रावास अधीक्षिका को हटा दिया और जांच के आदेश दिए हैं।

छात्राओं के आरोप: जबरन धार्मिक प्रार्थना और मानसिक प्रताड़ना

भीकनगांव तहसील के छिरवा स्थित अजजा बालिका छात्रावास की चौथी और पांचवीं कक्षा की छात्राओं ने आरोप लगाया कि अधीक्षिका रीता खरते न सिर्फ उनसे बर्तन धोने और अनावश्यक कार्य करवाती थीं, बल्कि जबरन बाइबल पढ़ने और ईसाई प्रार्थना करने के लिए बाध्य भी करती थीं।

छात्राओं के अनुसार, यह मानसिक रूप से परेशान करने वाला था और उनकी धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन था।

प्रशासन ने जब्त की धार्मिक किताबें, वार्डन पर कार्रवाई

मामले की गंभीरता को देखते हुए खंड शिक्षा अधिकारी (BEO) दिनेश चंद्र पटेल ने छात्रावास का दौरा किया। जांच के दौरान छात्रावास से धार्मिक पुस्तकों और कॉपियों को जब्त किया गया। छात्राओं के परिजनों ने प्रशासन से निष्पक्ष जांच की मांग की है।

प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए अधीक्षिका रीता खरते को उनके पद से हटा दिया और उनकी जगह संगीता यादव को नियुक्त किया गया है। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि मामले की गहन जांच होगी और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

इससे पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले

ऐसा ही एक मामला हाल ही में झारखंड के पश्चिम सिंहभूम जिले में सामने आया था, जहां खूंटपानी कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की 60 से 70 छात्राएं वार्डन की प्रताड़ना से परेशान होकर उपायुक्त कार्यालय तक पहुंच गई थीं। छात्राओं ने आरोप लगाया था कि वार्डन सुशीला टोपनो उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करती हैं।

प्रशासन का आश्वासन: नहीं होने देंगे धार्मिक पक्षपात

इस घटना के बाद प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि सरकारी छात्रावासों में इस तरह के धार्मिक पक्षपात को बिल्कुल भी सहन नहीं किया जाएगा। मामले की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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